Sanjeev Jeeva Gang: किसने कराई जीवा की हत्या, क्यों आया सुशील मूँछ का नाम?

लखनऊ: पश्चिमी यूपी के कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के बाद एक सवाल हर जगह गूंज रहा है कि आखिर शूटर विजय यादव को किसने भेजा? पुलिस रिकार्ड में जीवा के दुश्मन के रूप में सिर्फ एक सबसे बड़ा नाम है, वो है पश्चिमी यूपी के कुख्यात सुशील मूंछ गैंग का, लेकिन दो दिन की जांच पड़ताल में अभी तक पुलिस शूटर विजय यादव का सुशील मूंछ से कोई कनेक्शन तलाश नहीं पाई है। पुलिस सुशील मूंछ के लखनऊ से लेकर हरिद्वार तक गैंग के लोगों, उसके मददगारों और दुश्मनों का ब्योरा खंगाल रही है, ताकि उसके मुताबिक विजय यादव और जीवा के बीच हत्या की वजह की कड़ियां जोड़ी जा सकें।
जीवा का लखनऊ कनेक्शन
लखनऊ के इंदिरा नगर के सी ब्लाक में रहने वाला विष्णु प्रताप तोमर उर्फ सागर का ब्योरा खंगाला जा रहा है। बताया जाता है कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब जीवा की पत्नी पायल मुजफ्फरनगर से रालोद के टिकट पर चुनाव लड़ रही थी तो सागर उसे लड़वाने के लिए 10-12 काली स्कार्पियो गाडियां लेकर आया था। मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी के कहने पर वो ये गाड़ियां लेकर मुजफ्फरनगर गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह वॉटसऐप वीडियो कॉल के जरिए जीवा के लिए रंगदारी वसूलने का भी काम करता था।
गैंग का सबसे प्रमुख व्यक्ति धर्मेंद्र मुखिया
पुलिस रिकार्ड के मुताबिक जीवा के गैंग का सबसे अहम व्यक्ति मुजफ्फरनगर के तितावी के कादीखेड़ा का धर्मेंद्र मुखिया है। यह पैसे, वकील के इंतजाम से लेकर गैंग के लिए हर जरूरी मदद करता है। धर्मेंद्र के बाद बागपत के दोघट का अनुज गैंग का दूसरा अहम व्यक्ति है। यह असलहों, नए लड़कों के इंतजाम, गैंग से जुड़ी पैरवी का काम करता है। जीवा के गैंग का तीसरा अहम किरदार है उसका भांजा अमित माहेश्वरी। कहने को अमित की मुजफ्फरनगर में जूते की दुकान है, लेकिन असल में वह जीवा के लिए अवैध उगाही, जमीनों पर कब्जे, गैंग की पैरोकारी व कैश मैनेजमेंट का काम देखता है। इसे हाल ही में जीवा, उसकी पत्नी पायल के साथ मुकदमे में आरोपी बनाया गया है। पुलिस आजमगढ़ के समैदा निवासी मुन्ना सिंह के बारे में भी पड़ताल कर रही है। यह भी गैंग की पैरोकारी का काम करता है। पुलिस जीवा के गैंग से अलग होकर सुशील मूंछ गैंग में शामिल होने वाले बलवेंद्र उर्फ बिल्लू के बारे में भी जानकारियां जुटा रही है। यह पहले हरिद्वार के नाजिम गैंग से जुड़ा था। बाद में जब एक-एक करके गैंग के लोग मारे गए या उन्हें सजा हुई तो यह मूंछ गैंग से जुड़ गया।
जीवा गैंग की ताकत (Sanjeev Jeeva Gang Power)
जीवा गैंग को असलहा उपलब्ध कराने वालों में माफिया मुख्तार अंसारी गैंग से लेकर वेस्ट यूपी तक के असलहा सप्लायर के नाम शामिल हैं। जीवा गैंग के पास एके-47, विदेशी पिस्टल, रिवाल्वर, राइफल और कार्बाइन जैसे हथियार हैं। वेस्ट यूपी में जीवा के गैंग को बड़े असलहे उपलब्ध कराने वालों में सबसे प्रमुख नाम मुजफ्फरनगर के सिखेड़ा निवासी मयंक का नाम है। गैंग के प्रमुख शूटर में सहारनपुर के गांधीनगर का दीपक उर्फ दीपू और मुजफ्फरनगर के बड़कली का गौरव शर्मा उर्फ झंडू शामिल है। वहीं जीवा को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने वालों में मुजफ्फरनगर की एक बड़ी मिठाई शाप के मालिक का नाम है। वहीं फिरोज पठान मुजफ्फरनगर के बाजार में जीवा के लिए दुकानों पर कब्जे का काम करता है। Sanjeev Jeeva Gang