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संजीव बालियान हार गए, लेकिन चर्चा में आया कॉन्स्टिट्यूशन क्लब का चुनाव… देर रात तक रिजल्ट पर गहमा-गहमी

संजीव बालियान हार गए, लेकिन चर्चा में आया कॉन्स्टिट्यूशन क्लब का चुनाव… देर रात तक रिजल्ट पर गहमा-गहमी

मुजफ्फरनगर: कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के सचिव पद के लिए हुए चुनाव में राजनीतिक तापमान काफी बढ़ा हुआ दिखाई दिया। इस चुनाव में एक तरफ पश्चिमी यूपी के कद्दावर नेता संजीव बालियान थे। वहीं, दूसरी तरफ लगातार इस पद पर निर्विरोध जीत दर्ज करते आ रहे बिहार की सारण लोकसभा सीट से सांसद राजीव प्रताप रुडी थे। सांसद-पूर्व सांसदों के मिलने-जुलने वाले स्थल कॉन्टिट्यूशन क्लब के चुनाव में अब तक निर्विरोध निर्वाचन होता रहा था। राजीव प्रताप रुडी इस पद पर 25 वर्षों से काबिज हैं। हालांकि, पहली बार चुनाव में उतरे संजीव बालियान ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। साथ ही, कभी भी चर्चा में न रहने वाले कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का चुनाव भी सुर्खियां बन गया।

सबसे बड़ा मतदान का बना रिकॉर्ड

कॉन्टीट्यूशन क्लब के चुनाव में वर्तमान और पूर्व सांसदों सहित कुल 1295 वोटर हैं। इनमें से करीब 707 वोट पड़े। इसमें से 38 वोट बैलेट पेपर से डाले गए थे। कॉन्स्टीट्यूशन के सचिव पद को अध्यक्ष के बाद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। लोकसभा अध्यक्ष इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। इस स्थिति में क्लब के संचालन की मुख्य जिम्मेदारी सचिव की होती है। ऐसे में यह पद महत्वपूर्ण हो जाता है। इस बार के चुनाव में झारखंड के गोड्‌डा सांसद निशिकांत दुबे की अलग रणनीति के कारण राजीव प्रताप रुडी के सामने संजीव बालियान की चुनौती आ गई।

कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के चुनाव के रिजल्ट को लेकर देर रात तक गहमा-गहमी रही। मुजफ्फरनगर से लेकर लखनऊ तक इस रिजल्ट का इंतजार होता रहा। हालांकि, अनुभवी राजीव प्रताप रुडी ने एक बार फिर बाजी मारी। लेकिन, यूपी के इस नेता के प्रदर्शन की भी सराहना हो रही है। मुजफ्फरनगर लोकसभा चुनाव 2024 के बाद संजीव बालियान को एक बार फिर झटका लगा है।

कौन हैं संजीव बालियान?

मुजफ्फरनगर के गांव कुटबी निवासी संजीव बालियान पश्चिमी यूपी में भाजपा के बड़े जाट चेहरों में से एक हैं। वर्ष 2013 में सांप्रदायिक दंगों के बाद भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट दिया। पहले ही चुनाव में उन्होंने वर्ष 2014 में निवर्तमान बसपा सांसद कादिर राणा को चार लाख से अधिक वोटों से मात दी। इसके बाद वे केंद्र में पहली नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनाए गए।

लोकसभा चुनाव 2019 में बेहद कड़े मुकाबले में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय चौ. अजीत सिंह को करीब साढ़े छह हजार मतों से हराया था। एक बार फिर वे मोदी सरकार में मंत्री बने। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा। पश्चिमी यूपी में विकास योजनाओं और किसानों की बातों को वे लगातार उठाते रहे।

डॉ. बालियान ने लोकसभा में जनसंख्या नियंत्रण बिल पेश किया था। इसके साथ ही वेस्ट यूपी में हाई कोर्ट बेंच को लेकर निरंतर मांग करते रहे हैं। डॉ. संजीव बालियान की पत्नी का नाम डॉ. सुनीता बालियान है। दोनों ने हिसार के विश्वविद्यालय से एक साथ पीएचडी की थी। डॉ. बालियान की दो बेटियां हैं। इनके पिता का नाम चौधरी सुरेंद्र सिंह है। वहीं, भाई डॉ. विवेक बालियान प्रोफेसर हैं।

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