जनसंख्या नीति, धर्मांतरण विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता लागू कराने पर संघ की नजर

जनसंख्या नीति, धर्मांतरण विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता लागू कराने पर संघ की नजर
  • तीन अहम एजेंडे को इसी साल पूरा करना चाहता है संघ
  • इसके लिए देशव्यापी माहौल खड़ा करने में जुटा संघ
  • सीएए के विरोध से बेपरवाह वर्तमान माहौल को पक्ष में मानता है संघ

भले ही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर देश की राजनीति में घमासान मचा हो, मगर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ इसी साल अपने तीन एजेंडे को हर हाल में पूरा करना चाहता है। संघ की इच्छा इसी साल हर हाल में धर्मांतरण विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता और राष्ट्रीय जनसंख्या नीति लागू करने की है।

संघ का मानना है कि भले ही सीएए, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर पर घमसान दिखता हो, मगर देश का बहुसंख्यक इसके पक्ष में है। दरअसल बीते साल संघ के तीन अहम एजेंड को मोदी सरकार ने अमली जामा पहनाया।

अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद सरकार ने सीएए बनाया। बीते साल ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया। अब इस साल संघ की योजना हिंदुत्व से जुड़े तीन मुद्दों को हर हाल में अमली जामा पहनाने की है।

संघ वर्तमान माहौल को इन मुद्दों के पक्ष में मानता है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक धर्मांतरण विरोधी कानून, समान नागरिक संहिता और राष्ट्रीय जनसंख्या नीति हिंदुत्व से नहीं बल्कि बेहतर राष्ट्र के निर्माण और राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़ा मामला है।

उक्त पदाधिकारी के मुताबिक भले ही सीएए के देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है, मगर बहुसंख्यक लोग इसके पक्ष में हैं। देश में नौजवानों की आबादी 70 फीसदी है और यह आबादी नहीं चाहती कि बेहतर राष्ट्र और मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए जिस एजेंडे को पहले ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, उसे लागू करने में और देरी हो।