महामंडलेश्वर बनने पर किया संत कमल किशोर का भव्य सम्मान

महामंडलेश्वर बनने पर किया संत कमल किशोर का भव्य सम्मान
  • सहारनपुर में महामंडलेश्वर बनने पर संत कमलकिशोर का सम्मान करते आयोजक।

सहारनपुर [24CN] । हैंड्स टू केयर वैलफेयर सोसायटी व शून्य फाउंडेशन के तत्वावधान में विश्व में सर्वाधिक 146 बार रक्तदान कर चुके संत कमल किशोर को सिद्ध योग मठ अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर बाल योगी अलखनाथ ओघड़ द्वारा महामंडेलश्वर की उपाधि प्रदान किए जाने पर सम्मान किया गया। दिल्ली रोड स्थित अग्रसेन भवन आयोजित सम्मान समारोह का शुभारम्भ महामंडेलश्वर बाबा रिजक दास, महामंडलेश्वर सुभाष बापू, तंत्रिकाचार्य पं. शशीमोहन बहल, पं. अभिषेक कृष्णात्रेय, ब्रह्मा कुमारी रानी बहन, महामंडलेश्वर जोगेंद्र नाथ, स्वामी रामदेव महाराज व महामंडलेश्वर संत कमल किशोर द्वारा ओम के चित्र के समक्ष सामूहिक रूप से मंत्रोच्चार व शंखनाद के साथ किया गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महामंडलेश्वर कमल किशोरनाथ ने मानव कल्याण की भावना को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि सेवा में जिस असीम आनंद की अनुभूति होती है उसकी तुलना किसी भी सांसारिक भौतिक आनंद से नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि आगाह अपनी मौत से कोई बसर नहीं, सामान 100 वर्ष का है, पल की खबर नहीं। इसलिए संत लोग सुख-दु:ख, मान-अपमान, यश-अपयश, अमीरी-गरीबी हर अवस्था में एक समान रहते हैं। महामंडलेश्वर रिजकदास ने संत स्वभाव को मक्खन की संज्ञा देते हुए कहा कि महामंडलेश्वर पद समाज के प्रति एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है जिसमें स्वयं शुद्ध आचरण और व्यवहार के उच्च आदर्शों की पालना करनी पड़ती है क्योंकि समाज इनका अनुसरण करता है।

उन्होंने कहा कि संत-महंत, पुजारी, कथावाचक, वैदिक, याज्ञिक, महामंडलेश्वर और जगद्गुरू शंकराचार्य सभी समाज का उचित मार्गदर्शन करते हैं। तंत्रिकाचार्य पं. शशीमोहन बहल ने कहा कि संत कमल किशोर ने सदैव अपने हित से बड़ा सर्वसमाज का हित रखा और रक्तदान, वस्त्र दान, श्रम दान, ज्ञानदान, अन्नदान, नेत्रदान, स्नेह दान, अर्थदान, यहां तक कि सर्वस्व दान को अपना स्वभाव बना लिया है। जब भी उनका सम्मान होता है तो लगता है कि सम्मान का सम्मान हो गया। उन्होंने कहा कि त्याग, ज्ञान, तप, सेवा, वैराग्य, संभव, शुभ कार्यों को देखते हुए सिद्ध योग मठ अखाड़े द्वारा संत कमल किशोर को औघड़ महामंडलेश्वर की उपाधि से विभूषित किया गया है। जो समाज के लिए गर्व की बात है।

समारोह को महामंडलेश्वर संत सुभाष बापू महाराज, पं. अभिषेक कृष्णात्रेय, ब्रह्मकुमारी रानी बहन, महामंडलेश्वर महंत योगेंद्र नाथ ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह, महापौर संजीव वालिया, पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, पूर्व विधायक राजीव गुम्बर, भाजपा महानगर अध्यक्ष राकेश जैन, राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव भारत भूषण, डा. एम. पी. सिंह चावला, कार्तिक खुराना, गुंजन, अवनीत कौर, गुरमेज सिंह पेजी, निकिता मनुजा, विजय दत्ता, प्रवीण चोपड़ा, पूजा गिल्होत्रा, कोमल अरोड़ा, नीना ढींगड़ा, आकांक्षा भंडारी, अंकित अरोड़ा, सुमित मलिक, नमन सचदेवा, वर्षा चोपड़ा, श्वेता बेदी, मान्सी कालरा, कमल चुग, तुलसी बतरा, महेश नारंग, यशपाल मैनी, के. एल. अरोड़ा, विवेक मनोचा, धीरज भारद्वाज, भारत भूषण, आचार्य रविंद्र शास्त्री आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन महेश नारंग ने किया।

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