जिंदा देहधारी संत के बताये मार्ग से ही ईश्वर की प्राप्ति सम्भव: संत ज्ञानेश्वर दास

जिंदा देहधारी संत के बताये मार्ग से ही ईश्वर की प्राप्ति सम्भव: संत ज्ञानेश्वर दास
सहारनपुर के गागलहेड़ी में संत शिरोमणि श्री गुरू रविदास आश्रम में मौजूद श्रद्धालु एवं संस्था द्वारा कराई शादी में मौजूद नवदम्पत्ति।
  • विशाल सत्संग कार्यक्रम में हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड से आयी संगत ने उठाया धर्म लाभ
  • संत-महात्माओं के सानिध्य में गरीब लडकी का विवाह कार्यक्रम भी कराया गया सम्पन्न

सहारनपुर। श्री गुरू रविदास आश्रम के गुरू गद्दी नशीन संत ज्ञानेश्वर दास महाराज ने कहा कि जिंदा देहधारी संत के बताए मार्ग से ही ईश्वर की प्राप्त संभव है। संत ज्ञानेश्वर दास महाराज आज गागलहेडी स्थित संत शिरोमणि श्री गुरू रविदास आश्रम में आयोजित एक विशाल एवं भव्य सत्संग कार्यक्रम में ज्ञान की अमृतवर्षा कर रहे थे। कार्यक्रम में कई प्रदेशों से आये श्रद्धालुओं ने शबद, वाणियां और संत प्रवचन सुनकर धर्म लाभ उठाया। इस अवसर पर समाज की एक गरीब लडक़ी का विवाह कार्यक्रम भी सम्पन्न कराया गया।

सत्संग का शुभारम्भ श्री गुरू रविदास आरती से हुआ। इस अवसर पर सभी सत्संग प्रेमियों ने गुरू का लंगर भी छका। सन्त ज्ञानेश्वर दास ने कहा कि हम ईश्वर, परमेश्वर से प्रेम करते हैं तो ईश्वर या परमेश्वर तो अनश्वर और इन आंखों से दिखाई नहीं देता। उन्होंने बताया कि बिन देखे उपजै नहीं आशा अर्थात हरि, ईश्वर, परमेश्वर इन आंखों से दिखाई नहीं देता और संसार में दिखने वाला प्रत्येक व्यक्ति व वस्तु नाशवान है।   संत ज्ञानेश्वर जी ने बताया कि संत रविदास जी ने अपने भजनों के माध्यम से वंचित एव दलित लोगों से अज्ञानता और निरक्षरता दूर करने तथा व्यवस्था को सुधारने के लिए कडी मेहनत करने का आग्रह किया है,  क्योंकि गरीबी, अशिक्षा और अज्ञानता मानव जाति के सबसे क्रूर दुश्मन रहे हैं। उन्होंने दलितों के सामाजिक उत्थान के लिए कई स्तरों पर जोरदार प्रयास किया।

उन्होंने अपने अनुयायियों का आह्वाहन किया कि वे सत्य और सर्वव्यापी ईश्वर कि उपासना करे जिसे उन्होंने सतनाम, हरि, माधव, निरंजन, लाल, केशव आदि नामों से पुकारा जाता है। इस अवसर पर सुशील दास मानव  जागरूकता एवं चेरिटेबल ट्रस्ट के सौजन्य से एक विवाह भी सम्पन्न कराया। उल्लेखनीय है ट्रस्ट पिछले कुछ वर्षो से दर्जनों गरीब-असहाय लोगों की लडकियों की शादियां करा चुका है। इस बार भी प्रबंधक संत ज्ञानेश्वर दास जी की उपस्थिति में विश्वास कुमार निवास बालपुर का विवाह किरण पुत्री शंकरदास निवासी गांठेडा के साथ सम्पन्न कराया गया। इस नवविवाहित जोडे को सत्संग में पधारे सभी संत- महात्माओं व संगत ने अपना आशीर्वाद दिया।

कार्यक्रम में हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड से आयी संगत ने गुरू की वाणिया, शबद वाणियां सुनकर अपने आपको निहाल किया। इस अवसर पर विचार दास जी, हंस दास, दिव्यांश दास, जयपाल दास, विशेष दास, बिजेंद्र दास, करणवीर सिंह, विकास, प्रकाश दास, पहलसिंह, कृष्ण चन्द, डॉ गुरमीत, अमरनाथ, शिवकुमार आदि महात्मा मौजूद रहे।