चंड़ीगढ़ और उत्तराखंड में हरियाली बांट रहा सहारनपुर का कचरा

- सहारनपुर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करती रिक्शा।
सहारनपुर [24CN]। सहारनपुर का कचरा जैविक खाद के रुप में चंडीगढ़ और उत्तराखंड की नर्सरियों में उपयोगी बनकर हरियाली बढ़ा रहा है। सहारनपुर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के अलावा उत्तराखंड और चंडीगढ़ की एक दर्जन से अधिक नर्सरियों में संहारनपुर के कचरे से बनी जैविक खाद उपयोग की जा रही है। यह जैविक खाद उस कचरे से बनायी जा रही है जो आईटीसी मिशन सुनहरा कल के अंतर्गत उमंग सुनहरा कल सेवा समिति एवम फोर्स व स्पेस सोसायटी के सहयोग से घरों से डोर टू डोर कलेक्शन किया जा रहा है। नगरायुक्त ज्ञानेंद्रसिंह ने वर्ष 2022 में सहारनपुर को कुड़ा मुक्त महानगर बनाने के नगर निगम के लक्ष्य के सम्बंध में पूछे जाने पर यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि नगर निगम द्वारा आई टी सी मिशन सुनहरा कल के सहयोग से करीब एक लाख घरों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर मातागढ़ व कमेला कॉलोनी सहित निगम के दस एमआरएफ सेंटरो ंपर लाया जाता है जहां से उसे सूखे व गीले कूडेघ् के रुप में अलग अलग कर उसका निष्पादन किया जाता है। उन्होंने बताया कि गीले कचरे से हर महीने लगभग 120 टन जैविक खाद का उत्पादन होता है जिसकी आपूर्ति नर्सरियों को की जा रही है। उन्होंने बताया कि शहर के लगभग 12 हजार परिवार अपने कचरे का स्वयं निष्पादन अपने घरों में होम कम्पोस्टिंग के माध्यम से कर रहे है।
नगरायुक्त ने बताया कि इसके अतिरिक्त चिप्स, कुरकुरे और चॉक्लेट आदि चमकीली पन्नियों की भी करीब 12 टन मात्रा हर महीने दिल्ली स्थित सीमेंट फैक्ट्री में निष्पादन के लिए भेजी जा रही है, जहां उसका उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसी तरीह हर महीने लगभग डेढ़ सौ टन कचरे को रीसाइक्लिंग के लिए विभिन्न संस्थानों में भेज दिया जाता है। उन्होंने बताया कि बेहट रोड़ पर कूडेघ् से खाद बनाने के लिए निगम द्वारा भूमि पहले ही खरीदी जा चुकी है, जिस पर जल निगम की कंस्ट्रक्शन एंड डिजाईन सर्विस (सी एंड डी एस) कार्यदायी संस्था के रुप में कार्य शुरु कर चुकी है।
नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि सहारनपुर उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा जिला है जहाँ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन 2016 की नियमावली के अनुसार समुदाय स्तर पर समुदायिक कॉम्पोस्टर के माध्यम से कचरे का निष्पादन कर जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आने वाले कुछ महीनों में आईटीसी मिशन सुनहरा कल से जुड़ी उक्त संस्थाओ द्वारा नगर निगम के सहयोग से जीपीएस सिस्टम भी लागू करने की योजना पर काम किया जा रहा है जिससे यह जानकारी हो सकेगी की किस दिन कितने घरों अथवा दुकानों से कचरा उठान किया गया है।