खबरदार! हिन्दुत्व की आवाज उठाई तो, फर्जी मुकदमों में जाना पड़ सकता है जेल!

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से योगी सरकार है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि सहारनपुर जिला, उत्तर प्रदेश का भाग नहीं है। क्योंकि सहारनपुर में पुलिस-प्रशासन की कार्यशैली योगी सरकार से नहीं बल्कि पूर्व की सरकारो की कार्यशैली से मेल खा रही है।
सहारनपुर में अगर आपने हिन्दुत्व की आवाज उठाने का प्रयास किया तो आपकी आवाज को कुचलने के लिए आप पर फर्जी मुकदमे दर्ज होंगे, आपको जेल भेजा जाएगा, हर वो कार्य किया जाएगा जिससे हिन्दुत्व की आवाज को दबाया जा सके – कुचला जा सके।
सहारनपुर में हिन्दू समाज प्रताड़ना का शिकार है ही। यंहा लव जिहाद, लैंड जिहाद, गौकशी जैसे कार्य जोरों पर है लेकिन पुलिस-प्रशासन को इस सब मुद्दों में दिलचस्पी नहीं है। सहारनपुर में पुलिस का “स्वेग” ही अलग है। ताजा मामला ऐसा प्रकाश में आया है जिसने हिन्दुत्व की आवाज उठाने वालों का हर संभव मनोबल तोड़ने का कार्य किया है।
दरअसल, सहारनपुर के मनानी गॉंव में “मदर टेरेसा पैरामेडिकल” कॉलेज है। इस कॉलेज संचालक का विवादों से गहरा नाता रहा है। इस बार संचालक पर धार्मिक आधार पर विद्यार्थियों से भेदभाव करने के आरोप लगे। कॉलेज विधयार्थियों ने संचालक पर आरोप लगाए कि संचालक ने जहां एक ओर विशेष समुदाय के छात्रों को ‘नमाज’ पढ़ने की खुली छूट कॉलेज में दी हुई है तो वहीं हिन्दू समाज के छात्रों को तिलक लगाने, कलावा बांधने, जनेऊ पहनने व दाड़ी रखने तक पर रोक है। कॉलेज संचालक हिन्दू समाज के छात्रों को प्रताड़ित करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ता है।
संचालक की ज्यादतियों से परेशान हो कर कॉलेज के एक छात्र ने इसकी सूचना हिन्दू संस्कृति के सरक्षण के लिए कार्य करने वाले कुछ संगठनों दी। सूचना पर इन संगठनों के कार्यकर्ता कॉलेज पँहुचे। लेकिन कॉलज प्रसाशन में कॉलेज गेट बंद कर उन्हे अंदर आने की अनुमति नहीं दी साथ ही रामपुर थाना से पुलिस भी बुला ली। कॉलेज में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने से नाराज संगठन के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी। काफी जद्दोजहद के बाद कॉलेज संचालक ने गेट खुलवाए और वार्ता को तैयार हुए। वार्ता के दौरान ही मुस्लिम समाज की एक छात्रा ने धार्मिक नारेबाजी “अल्लाह हु अकबर” कर माहोल को बिगाड़ने का प्रयास भी किया। हालांकि कॉलेज संचालक ने अपनी गलती स्वीकार कर आगे से हिन्दू छात्रों के धार्मिक चिन्हों को तिलक, कलावा, जनेऊ आदि पर प्रतिबंध नहीं लगाने की बात कही, साथ ही हिन्दू छात्रों को एक कक्ष ‘हनुमान चालीसा’ करने को देने की बात कही।
मामले का पटाक्षेप यही हो जाता है लेकिन, अगले दिन मामले में एक जबरदस्त ट्विस्ट आता है – अगले दिन संचालक कॉलेज के छात्र जिसने संगठन को जानकारी दी व संगठन के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध एससी/एसटी में फर्जी तहरीर कॉलेज कर्मचारी ‘सोम्या कर्णवाल’ के माध्यम से थाना रामपुर मनिहारन में दिलवा देते है। तहरीर पर पुलिस तुरंत बीएनएस 352, व 3(1)द, ध (एससी/एसटी एक्ट) में मामला दर्ज करती है, जैसे पुलिस तहरीर की प्रतीक्षा ही कर रही हो। जांच नकुड़ सीओ को सौंप दी जाती है।
नकुड़ सीओ द्वारा इस मामले में अब हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं को समन जारी कर अपने बयान अंकित कराने को कहा गया है। संघटन के कार्यकर्ताओं के पास जब समन पँहुचते है तो मामला सोशल मीडिया में वाइरल हो जाता है। सोशल मीडिया पर समन देखकर लोग हिन्दुत्व की आवाज दबाने का आरोप पुलिस-प्रशासन पर लगा रहे है।
छात्र के भविष्य को लगाया दांव पर
कॉलेज छात्र पर फर्जी एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराना छात्र के भविष्य को पूरी तरह बर्बाद करना है। छात्र की गलती मात्र इतनी कि उसने हिन्दू धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात करने वाले कॉलेज संचालक के विरुद्ध हिन्दू संगठनों को सूचना दी। छात्र पर फर्जी मुकदमे लगवाकर संचालक साबित क्या करना चाहते है? क्या केवल अपना वर्चस्व साबित करने के लिए एक छात्र का भविष्य बर्बाद करना उचित है?
कॉलेज संचालक का विवादों से पुराना नाता
इस कॉलेज के संचालक व विवादों का नाता चोली-दामन का रहा है। छात्रों की स्कालशिप विवाद रहा हो या छात्र द्वारा आत्महत्या का प्रकरण रहा हो, इस कॉलेज व कॉलेज संचालक से कइयों विवाद जुड़े रहे है। कॉलेज में मुस्लिम छात्रों को नमाज पढ़ने के लिए संचालक ने एक अलग कक्ष की व्यवस्था की हुई है। कुछ छात्रों ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि बकरा ईद पर कॉलेज में बीफ पार्टी का आयोजन भी कॉलेज संचालक द्वारा किया गया था। यदि प्रशासन कॉलेज के सीसीटीवी कैमरों की जांच कराए तो सच्चाई सामने आ जाए।
सभी जनप्रतिनिधियों का मैनेज करने का आश्वासन
विश्वस्त श्रोतो से मिल रही जानकारी के अनुसार कॉलेज संचालक ने पुलिस प्रशासन को सभी जनप्रतिनिधियों को अपने स्तर से मैनेज करने का आश्वासन दिया हुआ है। संचालक ने पुलिस को कहा है कि इस मामले में कोई भी जनप्रतिनिधि “चाहे भाजपा से हो या फिर विपक्ष से” कुछ नहीं बोलेगा।
पुलिस जांच पर प्रश्नचिन्ह!
मामले में पुलिसियाँ जांच भी कटघरे में घिरती हुई नजर आती है। पुलिस के सामने ही मुस्लिम छात्रा द्वारा “अल्लाह हु अकबर” का नारा लगाकर माहोल बिगाड़ना पुलिस जांच का विषय नहीं है? पुलिस जांच का विषय यह भी नहीं है कि क्या सोम्या कर्णवाल को जाती सूचक शब्द कहे गए? पुलिस जांच का विषय यह भी नहीं है कि थाना रामपुर मानिहारान पुलिस की उपस्थिति में कॉलेज संचालक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए भविष्य में हिन्दू धार्मिक प्रतीकों को नहीं हटवाने के लिए आश्वस्त किया था। कमाल की बात यह कि बकरा ईद के मौके पर कॉलेज में बीफ पार्टी आयोजन के आरोप भी पुलिस जांच का हिस्सा नहीं है। पुलिस जांच में यह सब संमलित नहीं करना निश्चित रूप से किसी षड्यन्त्र की ओर इशारा करता है।