शिव का साक्षात् स्वरूप है रूद्राक्ष: मिथलेश नंदन

- सहारनपुर में तीतरों में श्रीशिव महापुराण कथा का श्रवण करती श्रद्धालु महिलाएं।
तीतरों। कथाव्यास आचार्य मिथलेश नंदन ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को रूद्राक्ष धारण करना चाहिए क्योंकि रूद्राक्ष धारण करने से गौहत्या जैसा पाप भी नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि रूद्राक्ष साक्षात् शिव का ही स्वरूप है। कथाव्यास आचार्य मिथलेश नंदन कस्बा तीतरों के सरस्वती इंटर कालेज के प्रांगण में चल रही श्रीशिव महापुराणा कथा में ज्ञान की अमृत वर्षा कर रहे थे।
उन्होंने सती चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि किसी भी देवता को संशय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। सती ने रामजी को जब संशय की दृष्टि देखा तो भगवान शिव ने सती का परित्याग कर दिया था। यदि हम मनुष्य भी देवताओं में संशय रखते हैं तो भगवान शिव हमारा भी त्याग कर देते हैं। इस पूरे ब्रह्मांड के पूर्ण ब्रह्मम शिव हैं और शिव हमारी आत्मा हैं। इसलिए भगवान शिव का मंत्र ओम नमः शिवाय प्रत्येक समय व प्रत्येक स्थिति में बोलना चाहिए। इससे पूर्व मुख्य पुजारी सुरेश शास्त्री द्वारा विधिविधान से पूजा अर्चना कराई गई।
इस दौरान प्राचीन शिव मंदिर ज्योतिवाला बाग कमेटी द्वारा वरिष्ठ पत्रकार अश्विनी रोहिला व तरूण पाराशर को बाबा बंसीवाले का पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। कथा में मुख्य यजमान प्रधान रामकुमार चौधरी, सुंदरपाल, सोमपाल सिंह, तेजपाल सिंह, सुनील कुमार बोबी, सभासद रामकुमार बटार, चरणसिंह, ऋतेश, मुकुल आचार्य, सुरेश चंद्र कपिल, बालकृष्ण भारद्वाज, नमन कपिल, अर्पित दीक्षित, मिंकू आदि मौजूद रहे।