प्रदुषण विभाग के अधिकारियो की नाक के नीचे ईंट भटटो पर जलायी जाती है रबर

पराली जलाने पर किसानो के खिलाफ कार्रवाई करने वाले भटटो पर रबर जलने पर हो जाते है मौन
नकुड [इंद्रेश]। एक ओर जंहा केंद्र व राज्य सरकार व मिडिया एनसीआर में बढ रहे प्रदुषण के लिये किसानो जिम्मेदार बता रहे है। वंही प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की नाक के नीचे सैंकडो की संख्या र्में इंट भटटे रबर व कार्बन जलाकर सभी नियमो व कानूनो को ठेंगा दिखा रहे है। रबर जलने से भटटो से निकलने वाला धूंआ आम आदमी का दम घांेटने का काम कर रहा है।
जनपद सहारनपुर मे कुल 24र्7 इंट भटटे है। जिनमे से अधिकांश में खुल्लमखुल्ला रबर जलायी जा रही है। नकुड क्षेत्र के कुल 15 भटटो मे से अधिकांश में रबर व प्लास्टिक जलाकर्र इंट पकाने का काम हो रहा है। गौरलतब है कि अक्टुबर शुरू होते ही एनसीआर मे प्रदुषण बढने के लिये किसानो द्वारा पराली जलाने को जिम्मेदार बताया जाने लगता है। मिडिया हाउस जोर शोर से किसानो के पराली जलाने की खबर को चलाकर पूरे प्रदुषण के लिये पंजाब हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानो केा एनसीआर में बढते प्रदुषण के लिये जिम्मेदार बताने लगते है। जिसके बाद किसानो के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने की रफतार भी बढ जाती है। परंतु ईंट भटटो पर रबर जलने से होने वाले प्रदुषण पर कोई भी नंही बोलता।
रबर जलने से निकालने वाला एक भटटे का धुंआ एक हजार किसानो के एक साथ पराली जलाने से अधिक खतरनाक
बताया जा रहा है कि सत्तर फिसदी से अधिक ईंट भटटे खुल्लम खुल्ला ईंट पकाने के लिये रबर जला रहे है। रबर जलने से भटटे की चिमनी कालाधुंआ उगलती है वह बेहद खतरनाक होता है। जानकार बताते है कि यदि एक हजार किसान एक साथ पराली जलाये तो भी उससे निकलने वाला धुंआ एक भटटे से निकालने वाले धुंए से की बराबरी नंही कर सकता। हालत यह है कि अधिकांर्श इंट भटटो पर रबर के ढेर लगे हुए है। जनपद के शेक्खुपरा में आधा दर्जन से अधिक ईंट भटटो पर सेंकडो टन रबर व कार्बन पडे है। पंरतु कोई रोकने टोकने वाला नहंी है। जबकि प्रदुषण विभाग के अधिकारी आंख बंद कर तमाशा देखने का काम कर रहे है।
ईंट भटटो पर रबर ही नंही कार्बन भी जलायी जाती है
रबर ही नंही अधिंकाश भटटे कांर्बन भी जलाते है। बताया जाता कार्बन का प्रयोग सिमंेट बनाने मे किया जाता है। पंरतु भटटे मे कार्बन जलने से ईंट की क्वालिटी छिप जाती है। जिससे हल्की क्वालिटी र्की इंट भी अच्छी दिखायी देती है। कार्बन इतना खतरनाक होता है कि हाथ से लग जाने पर कई कई बार साबुन से हाथ धोने के बाद भी हाथ से नंही छुटता। साथ ही स्किन व आंखो के लिये भी खतरनाक है। पंरतु भटटा संचालक अपने व्यक्तिगत लालच के लिये जमकर कार्बन जलाकर मानवजीवन से खिलवाड कर रहे है।
सुत्र बताते है कि बढते प्रदुषण के कारण ही प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने 2012 से ईंट भटटो को एनओसी जारी नंही कर रहा है। पंरतु जनपद मे कुछ ऐसे भी भटटो का संचालन हो रहा है जिनके पास बोर्ड की एनओसी ही नंही है।
भाकियु ने कहा जिलाधिकारी के समक्ष उठाया मुददा
भारतीय किसान युनियन के वरिष्ठ नेता व जिलामहासचिव अशोक कुमार ने कहा कि किसानो ने जिलाधिकारी के सामने इस मुददे को जोरदार ढंग से उठाया है। सरकारे पराली जलाने के नाम पर किसानो का उत्पीडन कर रही है। जबकि ईट भटटो व कोल्हुओ पर रबर व पत्ती खुलेआम जल रही हैं। उन्होने ऐसे भटटो के खिलाफ कडी कार्रवाई कराने की मांग की। भाकियु नेता देवीसिंह , प्रदीप ठाकुर व डा0 इदरीश ने भी इस मुददे पर रोष जताया । कहा कि सरकार प्रदुषण बोर्ड के भ्रष्ट अधिकारियो के खिलाफ भी कडी कार्रवाई करे।
प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने कहा कार्रवाई होगी
प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के अवर अभियंता महेंद्र सिंह ने कहा कि यदि इ्र्रंट भटटो पर रबर व कार्बन जलायी गयी तो कडी कार्रवाई होगी। किसी को बख्शा नंही जायेगा। उन्होने कहा कि बोर्ड ऐसे भटटो पर संचालन की अनुमति नंही देगा।