लॉकडाउन में RSS के स्वयंसेवक मुस्लिमों को राशन बांटकर कर रहे मदद
नई दिल्ली: पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। देशभर में लॉकडाउन लागू है ऐसे में गरीब लोगों पर इसका सबसे बुरा प्रभाव पड़ रहा है। विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाएं ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आ रही हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)के स्वयंसेवक भी समाज के साथ मिलकर अपना योगदान दे रहे हैं। आरएसएस को हिंदूवादी माना जाता है लेकिन वाराणसी में कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन में फंसे गरीब-जरूरतमंदों तक संघ के स्वयंसेवक राशन बांट रहे हैं तो इसका बड़ा हिस्सा मुस्लिम समाज के लोगों तक भी पहुंच रहा है।
संघ की शाखाओं में स्वयंसेवकों को मुसीबत के समय जरूरतमंदों की सेवा की दी जाने वाली सीख का असर लॉकडाउन के दौरान देखने को मिल रहा है। विभिन्न माध्यमों से मिली सूचना पर स्वयंसेवक शहर के मोहल्लों से लेकर गांव-गांव तक में रोज कमाने-खाने वाले लोगों का पेट भरने को लेकर राशन लेकर पहुंच रहे हैं। बड़ी संख्या में जरूरतमंद मुस्लिम बहुल इलाकों में भी हैं तो संकट की घड़ी में इन लोगों की मदद को पहुंच रहे हैं।
विश्व संवाद केंद्र के प्रभारी अंबरीश कुमार ने बताया कि संघ के काशी प्रांत में आने वाले 12 जिलों में लॉकडाउन शुरू होने से लेकर अब तक ढाई लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक स्वयंसेवकों ने आटे की बोरियां, राशन किट और हर जरूरत का सामान पहुंचाया है। मदद पाने वालों में मुस्लिम परिवारों की संख्या ज्यादा है। उनका कहना है कि स्वयंसेवक मदद लेकर लोगों के बीच पहुंचने पर यह नहीं देखते हैं कि जरूरतमंद हिन्दू है या मुस्लिम या फिर सिख-ईसाई। उसे राशन उपलब्ध करा कर अगले पड़ाव की तरफ बढ़ जाते है।