RSS नेता राम माधव ने तालिबान मुद्दे पर सरकार को चेताया, कहीं ये बातें

RSS नेता राम माधव ने तालिबान मुद्दे पर सरकार को चेताया, कहीं ये बातें
  • पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता राम माधव ने भी सरकार को चेताया है.

नई दिल्ली: पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता राम माधव  ने भी सरकार को चेताया है. उन्होंने कहा कि अगर भारत ने तालिबान के खिलाफ कड़े रूख नहीं अपनाये, तो इसके चलते भारत को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि अब अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान भारत में भी अपने विस्तार के लिए सोच सकता है. जिससे भारत को काफी खतरा है और सरकार को इस पर सतर्कता का रूख अपनाना चाहिए.

राम माधव ने कही तालिबान और पाकिस्तान के बीच के तार की बात

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता राम माधव ने कहा, ‘तालिबान के पास आईएसआई द्वारा पाक में प्रशिक्षित 30 हजार से अधिक भाड़े के लोग हैं. काबुल की सत्ता में मौजूद तालिबान का नेतृत्व अब उन्हें अपने संरक्षक पाक की मदद से ‘कहीं और’ तैनात करेगा. भारत को गंभीर सुरक्षा चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा. तालिबान भारत के लिए खतरा है.’

सुब्रहमण्यम स्वामी ने भी दी थी अतिरिक्त सतर्कता की सलाह

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सु्ब्रहमण्यम स्वामी ने भी सरकार को सतर्क रहने की सलाह दी थी. स्वामी ने रविवार को दावा किया था कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर भारत के लिए एक नया खतरा पैदा हो गया है. सांसद ने  कहा था कि अब ‘सरकार के गंभीर होने’ का समय है. सुब्रहमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान जल्द ही ‘तालिबानीकृत अफगानिस्तान’ का हिस्सा बन जाएगा.

पंजाब के कैप्टन ने भी चेताया

राम माधव से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की थी और देश की सभी सीमाओं पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने पर जोर देते हुए रविवार को कहा था कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होना भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘अफगानिस्तान का तालिबान के हाथों में जाना हमारे देश के लिए शुभ संकेत नहीं है. यह भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान की साठगांठ को मजूबत करेगा (चीन पहले ही उइगुर को लेकर मिलिशिया की मदद मांग चुका है). अतः संकेत बिलकुल अच्छे नहीं हैं, हमें अब अपनी सीमाओं पर अतिरिक्त सजग रहने की जरूरत है.’