इराक में अमेरिकी दूतावास और सेना पर रॉकेट से चार जगह हमले, आसमान में दिखे अमेरिकी हेलिकॉप्टर

इराक में अमेरिकी दूतावास और सेना पर रॉकेट से चार जगह हमले, आसमान में दिखे अमेरिकी हेलिकॉप्टर

  • चार अलग-अलग जगह हमलों में पांच आम नागरिक घायल
  • अमेरिकी सेना की मौजूदगी वाले दो एयरबेस को बनाया निशाना
  • ईरान में मस्जिद पर लाल झंडा लगाकर किया युद्ध का ऐलान
  • मध्यपूर्व में तेल अबीब सहित 35 अमेरिकी ठिकाने किए चिह्नित

अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान ने अमेरिका के खिलाफ अघोषित युद्ध का ऐलान कर दिया है। शनिवार को ईरान के क्योम प्रांत की प्राचीन जामकरन मस्जिद पर लाल झंडा लगाया गया, जिसका मतलब युद्ध की शुरुआत या युद्ध के लिए तैयार रहने की चेतावनी है।

वहीं, इसके कुछ घंटों बाद ही इराक में अमेरिकी दूतावास और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर रॉकेट और मोर्टारों से चार हमले किए गए। दूसरी ओर, इन हमलों के तुरंत बाद अमेरिका ने कहा है कि हम इसके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।

इराकी सेना के मुताबिक पहला हमला कड़ी सुरक्षा वाले ग्रीन जोन में अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाकर किया गया। एक मोर्टार दूतावास के करीब सेलीब्रेशंस स्क्वॉयर पर और दूसरा रिहाइशी इलाके जदरिया में एक घर पर गिरा, जिसमें पांच लोग घायल हो गए।

ग्रीन जोन में सरकारी दफ्तर और विभिन्न देशों के दूतावास हैं। दूसरा हमला बगदाद से 80 किमी दूर सलाउद्दीन प्रांत के अलबलाद एयरबेस पर हुआ। शनिवार को ही अमेरिकी सेना यहां पहुंची थी। एयरबेस पर चार रॉकेट दागे गए, जो दक्षिणी दरवाजे के बाहर गिर गए। इसके तुरंत बाद सर्विलांस ड्रोन हमलावरों की तलाश में उड़ान भरने लगे।

तीसरा हमला उत्तरी इराक के मोसुल शहर में किन्डी एयरबेस पर हुआ। यहां भी मोर्टार दागे गए। देर रात बगदाद में पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन के महलों में बने अमेरिकी सेना के ठिकानों पर मोर्टार दागे गए। इन हमलों के बाद अमेरिकी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर से बगदाद की निगरानी शुरू कर दी गई।

अमेरिकियों को देखते ही सबक सिखाएंगे
ईरान की एलीट रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर अबुहमजेह ने कहा, हमने तेल अबीब सहित मध्यपूर्व (पश्चिम एशिया) के ऐसे 35 अमेरिकी ठिकानों को चिह्नित किया है। उन्होंने होरमुज की खाड़ी को पश्चिमी देशों के लिए अहम बिंदु बताते हुए इस क्षेत्र में हमलों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी। अबुहमजेह ने कहा हम जहां भी अमेरिकियों को देखेंगे उन्हें सबक सिखाएंगे।

ट्रंप प्रशासन ने संसद को दी जानकारी
ईरान के जवाबी हमले के बीच अमेरिका भी पूरी तरह सतर्क है। मध्यपूर्व में चौकसी बढ़ाने के साथ ही ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी संसद को बताया है कि ईरान एक हफ्ते के अंदर बदले की कार्रवाई कर सकता है।

अमेरिका ने की युद्ध की कार्रवाई : ईरान

अमेरिका ने इराक में और बल भेजने का संकल्प लिया है और दूसरी ओर, ट्रंप ने कहा है कि वह युद्ध नहीं चाहते हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत मजीद तख्त रवांची ने ‘सीएनएन’ से कहा कि ये हमले ‘अमेरिका की ओर से युद्ध की कार्रवाई’ ही हैं। ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच ये हमले नाटकीय घटनाक्रम हैं।

ट्रंप बोले, सुलेमानी था कई हमलों के जिम्मेदार
वहीं, अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी सैन्य कमांडर की मौत के बाद निजी रिसॉर्ट में नए साल की छुट्टी मना रहे ट्रंप मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि हम सुलेमानी के आतंक का शिकार हुए लोगों को याद करते हैं।

वह पिछले 20 वर्ष से मध्य-पूर्व को अस्थिर करने के लिए आतंकी साजिशों को अंजाम दे रहा था। उसने लंदन और दिल्ली में बड़े हमले की साजिश रची। हाल ही में सुलेमानी ने ईरान में प्रदर्शनकारियों के क्रूर दमन का नेतृत्व किया। वहां 1,000 से अधिक निर्दोष नागरिकों को यातनाएं दीं और मार डाला गया।

अमेरिकी गठबंधन सेना का दूसरे हमले से इनकार

इराक में शनिवार को होने वाले हवाई हमले से अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने इनकार किया है। अमेरिकी अगुआई वाले गठबंधन बल के प्रवक्ता ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। इस हमले में एक हश्द अल-शाबी के कमांडर समेत छह लोगों के मारे जाने और कई के घायल होने की खबरें हैं। हालांकि देर रात हुए इस हमले में हश्द के किस कमांडर की मौत हुई है यह खुलासा नहीं किया गया है।

ईरान ने यूएन को लिखा पत्र, हमें आत्मरक्षा का अधिकार है
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस से कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उसे आत्मरक्षा का अधिकार है। संयुक्त राष्ट्र में ईरानी राजदूत माजिद तख्त रवांची ने विश्व संस्था को लिखे अपने पत्र में कहा है कि सुलेमानी की हत्या प्रायोजित आतंकवाद का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

यह एक आपराधिक कृत्य और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है। यही नहीं यह कृत्य संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का भी उल्लंघन है। मालूम हो कि अमेरिकी हवाई हमले के बाद पैदा हुए हालातों पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव भी चिंता जता चुके हैं।

अमेरिकी-इजराइली दूतावास की सुरक्षा बढ़ी

ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी ड्रोन हमले मेें मौत के बाद यहां स्थित अमेरिकी, इजराइली व ईरानी दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने के साथ यहां सीसीटीवी कैमरों से लोगों की आवाजाही पर सख्त नजर रखी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां कैसे भी हालात से निपटने के लिए सर्तक हैं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 2012 में दिल्ली में इजराइली राजनयिकों पर बम हमले की साजिश में सुलेमानी हाथ माना जाता है। दिल्ली पुलिस की जांच में भी धमाके के पीछे कुद्स सेना का हाथ सामने आया था।

अपने जनरल की मौत के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामनेई व राष्ट्रपति रूहानी से अमेरिका और इजराइल से बदला लेने की धमकी दी है। इसे देखते हुए भारतीय खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली के शांति पथ स्थित अमेरिकी और एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित इजराइली दूतावास पर हमले की आशंका जताई है।

खुफिया इनपुट मिलने पर दिल्ली पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों की शुक्रवार को हुई आपात बैठक में दोनों दूतावासों की सुरक्षा सख्त करने का फैसला किया गया था। शनिवार को अमेरिकी दूतावास पर मौजूद एक सुरक्षाकर्मी ने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि यहां सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है।

बाहर की सुरक्षा संभाल रही दिल्ली पुलिस की गश्त में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। दूतावास पर दिन-रात विशेष निगरानी रखी जा रही है। यहां आने वालों की सीसीटीवी कैमरे से निगरानी हो रही है। दूतावास के आसपास किसी को भी फटकने की इजाजत नहीं है।

कमोबेश यही स्थिति इजराइली दूतावास की है। इसके बाहर रुकने की किसी को भी इजाजत नहीं है। पूरी तरह सीसीटीवी कैमरे से लैस दूतावास की बाहरी सुरक्षा में अर्धसैनिक बल तैनात हैं। इन्होंने बताया कि 24 घंटे दूतावास की निगरानी की जा रही है।

सुरक्षा के ऐसे ही विशेष इंतजाम हेली रोड पर स्थित ईरानी दूतावास में दिखे। यहां तैनात दिल्ली पुलिस के जवान विशेष नजर रखे हैं। सीसीटीवी से भी निगरानी रखी जा रही है।


विडियों समाचार