रांची । चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी मामले में ट्रायल का सामना कर रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव दोषी करार द‍िए गए हैं। आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भागत को भी सीबीआइ कोर्ट ने दोषी पाया है। वहीं इस मामले में 24 अभ‍ियुक्‍त बरी कर द‍िए गए हैं। इनमें राजेन्द्र पांडे, साकेत, दिनांनाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, श्रीमती चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु, डॉ कामेस्वर प्रसाद शाम‍िल हैं।

कई अभ‍ियुक्‍त कोर्ट नहीं पहुंचे, शाम तक हर हाल में आना ही होगा

उधर, सीबीआइ कोर्ट परिसर से यह महत्‍वपूर्ण खबर आ रही है कि चारा घोटाला मामले के कई अभ‍ियुक्‍त अभी तक अदालत नहीं पहुंच पाए हैं। अदालत ने इसे गंभीरता से लिया है और कहा है कि किसी भी सूरत में आरोपितों को शाम तक कोर्ट आना ही होगा। देखना यह होगा कि यह आरोपित किस तरीके से शाम तक कोर्ट में लाए जा रहे हैं या पहुंच पा रहे हैं।

अभ‍ियुक्‍तों की सूची में दूसरे नंबर पर दर्ज है लालू का नाम

रांची के मोराबादी स्थित गेस्ट हाउस से मिली जानकारी के अनुसार लालू प्रसाद यादव सीबीआइ कोर्ट में हाजिर होने पहुंच चुके हैं। उधर सीबीआई कोर्ट मैं आज की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। मालूम हो कि चारा घोटाला कि इस मामले में सीबीआई ने अभियुक्तों की जो सूची कोर्ट में सुपुर्द की है उसमें लालू प्रसाद यादव का नाम दूसरे नंबर पर दर्ज है।

जतरा बनाकर कोर्ट पहुंचे राजद सुप्रीमो लालू यादव

उधर, गेस्‍ट हाउस से म‍िली जानकारी के अनुसार, लालू यादव ने मोरहाबादी स्टेट गेस्ट हाउस में पहले पूजापाठ क‍िया। पूजा के बाद दही खाकर जतरा बनाया। इसके बाद अदालत के ल‍िए रवाना हुए। स्टेट गेस्ट हाउस से महज एक किलोमीटर की दूरी पर है सीबीआइ अदालत।

कोर्ट के बाहर कार्यकर्तओं की भारी भीड़

चारा घोटाले मामले में फैसला 11:45 बजे से सुनाने का स‍िलस‍िला शुरू हो सकता है। लालू यादव कोर्ट पहुंच गए हैं। पूरे कोर्ट परिसर में जहां सन्नाटा है, वहीं सीबीआइ कोर्ट के बाहर की राजद कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ है। हर कोई लालू प्रसाद को देखना चाहता है। ऐसा कम ही मौका आता है जब किसी केस की सुनवाई में अधिवक्ताओं की भीड़ जुटे। आज समर्थक ही नहीं, वकील भी अपना काम छोड़ कर चारा घोटाले की अपडेट लेने को आतुर हैं। हालांकि सुरक्षा सुरक्षा दृष्टिकोण से सीबीआइ कोर्ट सिर्फ केस से जुड़े अधिवक्ताओं को ही जाने की अनुमति है। समर्थक तो दूर, अन्य अधिवक्ता को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है।

गेस्‍ट हाउस के बाहर उमड़ी राजद व‍िधायकों की भीड़

उधर, स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर और भीतर बड़ी संख्‍या में बिहार राजद के व‍िधायक पहुंच चुके हैं। हर कोई लालू प्रयाद को अपना चेहरा द‍िखाकर जताना चाह रहा क‍ि वह उनके साथ है। राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा क‍ि न्याय पर पूरा भरोसा है। लालू प्रसाद सामाजिक न्याय के पैरोकार रहे हैं। उन्‍हें उम्‍मीद है क‍ि उन्‍हें सजा नहीं होगी।

सीबीआइ के व‍िशेष पीपी फैसला सुनने के ल‍िए कोर्ट पहुंचे

उधर, चारा घोटाला मामले में सीबीआइ की ओर से केस की पैरवी कर रहे व‍िशेष पीपी बीएमपी स‍िंंह अब कोर्ट पहुंच चुके हैं। मामले की कई अभ‍ियुक्‍त और उनके बचाव पक्ष के वकील भी अब धीरे धीेर सीबीआइ कोर्ट में एकत्र होने लगे हैं। हर कोई आज के फैसले को लेकर उत्‍साह‍ित और प्रतीक्षारत नजर आ रहा है।

कड़ी सुरक्षा जांच के बाद ही म‍िल रहा कोर्ट में प्रवेश

उधर, लालू यादव और अन्‍य अभ‍ियुक्‍तों की सुरक्षा को देखते हुए कोर्ट के प्रवेश द्वार पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद ही क‍िसी को भी प्रवेश करने दिया जा रहा है। सुरक्षाकर्मी मजिस्ट्रेट तक की जांच करते नजर आ रहे हैं। सुरक्षा कर्मचार‍ियों को सख्‍त ह‍िदायत दी गई है क‍ि ब‍िना जांच क‍िसी को भी अंदर नहीं आने द‍िया जाए।

विशेष जज एसके शशि की अदालत सुनाएगी अपना फैसला

मामले में बहस पूरी होने के बाद सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत अपना फैसला सुनाएगी। लालू के खिलाफ यह पांचवां एवं अंतिम मामला होगा, जिसमें फैसला आने वाला है। इससे पहले सीबीआइ कोर्ट उन्हें चाईबासा के दो, देवघर और दुमका के एक-एक मामले में पहले ही सजा सुना चुकी है। इन मामलों में सजायाफ्ता लालू फिलहाल जमानत पर हैं, अगर अब उन्हें डोरंडा कोषागार मामले में दोषी भी करार दिया जाता है तो उन्हें तत्काल न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजा जाएगा।

इसी कोर्ट में जज पीके स‍िंंह ने पहली बार सुनाई थी सजा

यह दिलचस्प है कि कोर्ट के जिस कक्ष में लालू प्रसाद यादव पर फैसला सुनाया जाना है, उस कक्ष में तीसरी बार उनकी किस्मत का फैसला लिखा जाएगा। वर्ष 2013 में कोर्ट के इसी कक्ष में सीबीआइ के जज पीके सिंह ने पहली बार लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई थी। इसके बाद लगातार एस नाम के तीन जजों एसएस प्रसाद, शिवपाल सिंह यादव (दो मामलों में सजा सुनाई) ने उन्हें सजा सुनाई है। अब सबकी नजरें सुधांशु कुमार शशि पर टिकी हैं।

इस मामले में सीबीआइ की ओर से 575 गवाह पेश किए गए

सीबीआइ के स्पेशल पीपी बीएमपी सिंह ने बताया कि इस मामले में 575 गवाह पेश किए गए। जबकि, बचाव पक्ष से 25 गवाह पेश हुए। सीबीआइ ने 15 ट्रंक दस्तावेज अदालत में पेश किए हैं। इस मामले में स्कूटर, मोपेड और मोटरसाइकिल से पशुचारा, सांड, भैंस, बछिया, बकरी और भेड़ झारखंड लाए गए थे। इस गड़बड़ी को साबित करने के लिए सीबीआइ ने कई राज्यों के 150 डीटीओ और आरटीओ को गवाह के रूप में शामिल किया था। जिसमें उन्होंने उक्त वाहनों के पंजीयन की जानकारी दी थी।

इन बड़े चेहरों पर है नजर

डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में लालू प्रसाद यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, डॉ. केएम प्रसाद, डॉ. गौरी शंकर प्रसाद, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, समेत 99 अभियुक्त ट्रायल फेस कर रहे हैं।