सरे। रिपुदमन सिंह मलिक (Ripudaman Singh Malik) की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे (Surrey) में गोली मारकर हत्या कर दी गई। मलिक की गुरुवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) काम पर जाते वक्त सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई। रिपुदमन सिंह मलिक को 1985 के एयर इंडिया (Air India Flight 182 ‘Kanishka’) के आतंकवादी बम विस्फोट में बरी कर दिया गया था। खबर की पुष्टि करते हुए, मलिक के बहनोई जसपाल सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया, ‘हम इस बारे में जानकारी नहीं है कि रिपुदमन को किसने मारा। उसकी छोटी बहन कनाडा जा रही है।’ बता दें कि मलिक उन व्यक्तियों में से एक थे जिन पर एयर इंडिया फ्लाइट 182 ‘कनिष्क’ पर बमबारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया था।

बम विस्फोट में मारे गए थे 329 लोग लोग

23 जून 1985 को आयरलैंड के तट से दूर कनाडा से एयर इंडिया की उड़ान 182 ‘कनिष्क’ पर एक बम विस्फोट हुआ, जिसमें 329 यात्री और चालक दल के लोग मारे गए। इसमें 280 से अधिक कनाडाई नागरिक शामिल थे, जिनमें 29 समस्त परिवार और 12 वर्ष से कम उम्र के 86 बच्चे शामिल थे। बता दें कि रिपुदमन मलिक कथित तौर पर पंजाब में कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा था और एयर इंडिया बमबारी के कथित मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार का करीबी सहयोगी भी था। गौरतलब है कि बब्बर खालसा, एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन है और अमेरिका, कनाडा और भारत सहित कई देशों द्वारा प्रतिबंधित है।

कनाडा में ही हुई थी बमबारी की प्लेनिंग

मलिक और उनके सह-आरोपी अजैब सिंह बागरी को 2005 में सामूहिक हत्या और साजिश के आरोप से बरी कर दिया गया था। मलिक ने अपने बरी होने से पहले चार साल जेल में बिताए और बाद में कानूनी शुल्क के रूप में 92 लाख अमेरिकी डालर की मांग की, हालांकि, ब्रिटिश कोलंबिया के एक न्यायाधीश ने मुआवजे के उनके दावों को खारिज कर दिया। बता दें कि एयर इंडिया फ्लाइट 182 की आतंकवादी बमबारी कनाडा पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है। पीड़ितों में से अधिकांश कनाडाई थे, और इस साजिश की प्लेनिंग कनाडा में ही हुई थी।