खुलासा ,पचास वर्ष पूर्व सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर पटटे का कर दिया आंवटन

खुलासा ,पचास वर्ष पूर्व सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर पटटे का कर दिया आंवटन
  • हाई वे मे आइ सार्वजनिक उपयोग की भूमि तो किसान मांग रहे है मुआवजा

नकुड 6 जुलाई इंद्रेश। करीब पचास वर्ष सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अवैध रूप से किये गये पटटे प्रशासन के जी का जंजाल बन गये है। इन पटटो में से 669 किसानो की तेईस हैक्टेअर जमीन शामली अंबाला हाईवे में आने के चलते प्रभावित किसानो ने मुआवजे का दावा ठोक दिया है। जबकि प्रशासन इस जमीन के मुआवजे के दावे को देने के पक्ष मे नहीं है।

शामली अंबाला हाई वे के निर्माण का कार्य जोर शोर से जारी है। छः लेन के इस हाई वे के बन जाने से शामली व सहारनपुर जनपद के लाखो लोगो का लाभ मिलेगा। हाई वे के निर्माण में े लिये अधिग्रहित अधिकांश भूमि के मुआवजे को भुगतान प्रभावित किसानो को कर दिया गया है। पंरतु मुआवजे के भुगतान के मामलो में एक पेंच आ गया । तहसील क्षेत्र के फतेहचंदपुर ,भोगीमाजरा, तबर्रकपुर ,बालु व रामरायखेडीव कलसी सहित 7 गांव के 669 किसानो की ऐसी भूमि भी हाईवे मे आ गयी जो करीब 50 वर्ष पूर्व इन किसानों का आंवटित की गयी थी।
तत्कालीन तहसील अधिकारियो ने आंख बंद करके दी आवंटन का मंजूरी

भूमि के आंवटन के समय संबधित ग्राम सभा व तहसील प्रशासन ने आंख बंद करके आंवटन को मंजूरी दी। दरअसल अब खुलासा हुआ है कि इन किसानो को जो भूमि आंवटित की गयी थी वह सार्वजनिक उपयोग की भूमि थी। नियमानुसर सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर किसी भी आंवटी को संक्रमणीय भूमिधर के अधिकार नंही दिये जा सकते। भ्रष्टाचार के चलते तहसील प्रशासन ने अधिकांश अंावटियो को संक्रमणीय अधिकार भी दे दिये। बताया जाता है कि आंवटित की गयी भूमि मे से 669 किसानो की 23 हेक्टेएअर भूमि हाई वे के निर्माण में अधिग्रहित की गयी है। प्रशासन की जांच में सामने आया कि यह जमीन सार्वजनिक उपयोग की भूमि की श्रेणी मे है। नियमानुसार इस भूमि का मुआवजा किसानों को नहीं दिया जा सकता।
जिलाधिकारी से मिले प्रभावित किसान

गुरूवार को जिलाधिकारी डा0 दिनेश चंद्र ने नकुड के विकास खंड परिसर में क्षेत्र पंचायत के सभाकक्ष किसानो की समस्याए सूनी तो इन किसानों ने जमीन के मुआवजे का दावा जोर शोर से रखा। किसानों का कहना है कि उन्हे यह जमीन नियमानुसार आंवटित की गयी थी। ओर आवंटन का तत्कालीन अधिकारियो ने अपनी मंजूरी भी थी। उन्हांेने वर्षो तक मेहनत करके इस बंजर जमीन को उपजाउ बनाया। उनकी आमदनी का जरिया भी अब उनसे छिना जा रहा है। जिसके बाद प्रशासन बैकफुट पर आया है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्रकरण को निपटाने के लिये तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। जिलाधिकारी ने बताया कि समिति प्रभावित किसानो का प्रक्ष सुनकर तथा राजस्व अभिलेखो की जांच करके अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगी। तब शासन स्तर से मामले का निपटारा होगा। इस मौके पर जिलाधिकारी डा0 दिनेशचंद्र के अलावा ऐडीएम वित, उपजिलाधिकारी अजयकुमार अंबस्ट, तहसीलदार राधेश्याम शर्मा, एनएचआई के अभियंता अमित कुमार उपस्थित रहे।