देहरादून। इस बार प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की गणतंत्र दिवस 2022 की पोशाक ने सबको अपनी ओर आकर्षित किया। क्योंकि पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर रंगीन पगड़ी पहनने की परंपरा को छोड़कर अलग ही टोपी पहनी। उन्‍होंने इस बार पूरे समय उत्‍तराखंड की ब्रह्मकमल टोपी पहनी। सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम ने ब्रह्मकमल टोपी पहनकर उत्‍तराखंड का मान बढ़ाया है। बता दें कि रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने भी यही टोपी पहनने रहते हैं।

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर दुनिया के सामने उत्‍तराखंड की विरासत का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को धन्यवाद दिया। कहा आज 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रह्मकमल से सजी देवभूमि उत्तराखंड की टोपी पहनकर हमारे राज्य की संस्कृति और परंपरा को गौरवांवित किया है। उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता की ओर से, मैं माननीय प्रधानमंत्री के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

12 हजार फीट से लेकर 15 हजार फीट तक उगता है ये ब्रह्मकमल

ब्रह्मकमल उत्‍तराखंड में समुद्रतल से 12 हजार फीट से लेकर 15 हजार फीट तक उगता है। दुर्लभ प्रजाति का यह पुष्प अमूमन जून माह के आखिर में खिलना शुरू हो जाता है और सितंबर तक देखने को मिलता है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग और नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में यह बहुतायत में देखा जाता है। ब्रह्मकमल को पवित्रता और शुभ का प्रतीक माना जाता है। ब्रह्मकमल का अर्थ ही है ‘ब्रह्मा का कमल’। यह ब्रह्म कमल भगवान शिव को भी अत्यंत प्रिय है।

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ब्रह्मकमल है देवताओं का पुष्प

गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने उत्तराखंड की टोपी पहनी थी, जिस पर ब्रह्मकमल का फूल उभरा हुआ था। ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राजकीय पुष्प भी है और यह देवताओं की स्मृति है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने इसे सिर पर लगाकर देवताओं का आशीर्वाद लिया। केदारनाथ के प्रति उनकी श्रद्धा इसी तरह देखी जा सकती है कि जब भी यहां पूजा करने आए उन्होंने ब्रह्मकमल फूल का इस्तेमाल किया। उत्तराखंड संस्कृति से जुड़े कलाकार आचार्य श्रीत सुंद्रियाल बताते हैं कि ब्रह्मकमल देवताओं का पुष्प है। इसलिए इसे आशीर्वाद स्वरूप धारण किया जाता है।