भारी बारिश के बीच धराली में राहत बचाव अभियान फिर शुरू, प्रधानमंत्री मोदी ने की मुख्यमंत्री से बात, हालात के बारे में पूछा

भारी बारिश के बीच धराली में राहत बचाव अभियान फिर शुरू, प्रधानमंत्री मोदी ने की मुख्यमंत्री से बात, हालात के बारे में पूछा

New Delhi : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में जारी भारी बारिश के बीच बुधवार सुबह धराली में आपदा पीड़ितों की तलाश के लिए बचाव एवं राहत कार्य फिर शुरू किया गया। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली। मंगलवार दोपहर बाद बादल फटने से खीरगंगा नदी में आयी भीषण बाढ़ में करीब आधा गांव तबाह हो गया था। धराली गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले पड़ता है और यात्रा का प्रमुख पड़ाव है।

उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, विनाशकारी बाढ़ में चार लोगों की मृत्यु हो गयी जबकि विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियान में 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बाढ़ में 50 से अधिक लोग लापता हो सकते हैं क्योंकि पानी के अचानक आने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का मौका ही नहीं मिला।

हांलांकि, घटनास्थल पर जमा मलबे से अभी तक कोई शव बरामद नहीं हुआ है। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि लापता लोगों में 11 सैनिक भी शामिल हैं। 14 राज रिफ के कमांडिंग अधिकारी कर्नल हर्षवर्धन 150 सैनिकों की अपनी टीम के साथ मौके पर राहत और बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।

लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीवास्तव ने कहा कि सैनिकों के लापता होने और बेस के प्रभावित होने के बावजूद टीम पूरे साहस और दृढ़ संकल्प के साथ काम कर रही है। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए भारतीय सेना ने एमआई-17 औैर चिनूक हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है। मुख्यमंत्री धामी बुधवार को स्वयं धराली बाजार, हर्षिल तथा आसपास के क्षेत्रों में आपदा से हुई क्षति का निरीक्षण करेंगे।

अधिकारियों ने यहां बताया कि आपदा में हुए जानमाल के भारी नुकसान को देखते हुए राहत एवं बचाव कार्यों तथा क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की तत्काल मरम्मत के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से 20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गयी है। प्रदेश की स्वास्थ्य महानिदेशक सुनीता टम्टा ने पांच विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को तत्काल उत्तरकाशी पहुंचने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावितों को समय से उचित इलाज उपलब्ध कराया जा सके। इन डॉक्टरों में एक जनरल शल्यचिकित्सक और दो हड्डीरोग शल्यचिकित्सक शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत कर धराली में आयी प्राकृतिक आपदा तथा वहां चल रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली। धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार पूरी तत्परता से बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि लगातार भारी बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में कठिनाइयां आ रही हैं लेकिन सभी संबंधित एजेंसियां समन्वय के साथ काम कर रही हैं ताकि प्रभावितों को तुरंत सहायता मिल सके। प्रधानमंत्री ने उन्हें केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

धरासू में भूस्खलन से सड़क अवरुद्ध

उत्तराखंड के धरासू क्षेत्र में, पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक टूटकर नीचे सड़क पर गिर गया। बड़े-बड़े पत्थर और चट्टानें गिर रही हैं, जिससे अधिकारियों को सुरक्षा एहतियात के तौर पर दोनों दिशाओं से सड़क बंद करनी पड़ी है। आपदा नियंत्रण कक्ष को सूचित कर दिया गया है। गनीमत रही कि यह घटना सुबह-सुबह हुई जब कोई वाहन वहाँ से नहीं गुज़र रहा था, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।

अलकनंदा, भागीरथी नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर

अलकनंदा नदी इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। लगातार बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। भागीरथी नदी का भी यही हाल है, जो उफान पर है।

भटवारी से लगभग 20 किलोमीटर पहले, भागीरथी नदी अपने पूरे उफान पर है और उसका बहाव ख़तरनाक रूप से तेज़ है। लगातार बारिश, भूस्खलन और खराब दृश्यता के साथ मौसम अभी भी खराब बना हुआ है। हर्षिल अभी भी इस बिंदु से 66 किलोमीटर दूर है। भटवारी में सड़क पूरी तरह से कट गई है, जहाँ बचाव अभियान अब लंबा और चुनौतीपूर्ण होने की उम्मीद है। क्षेत्र के दृश्य नुकसान की व्यापकता और कठिन परिस्थितियों को दर्शाते हैं।

रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में लगातार बारिश

रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी दोनों जिलों में 17 घंटे से अधिक समय से लगातार बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन, बाढ़ और परिवहन एवं संचार नेटवर्क में गंभीर व्यवधान उत्पन्न हुआ है। गौरीकुंड के कई इलाकों में भूस्खलन की सूचना मिली है, जिससे सड़कों और रास्तों पर कीचड़ और मलबा गिर गया है। इन घटनाओं ने आपदा प्रतिक्रिया प्रबंधन में चल रही चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।

केदारनाथ यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित

बिगड़ते मौसम और अवरुद्ध मार्गों को देखते हुए, केदारनाथ तीर्थयात्रा अस्थायी रूप से रोक दी गई है। अधिकारी स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और तीर्थयात्रियों से स्थिति में सुधार होने तक सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया है।