नई दिल्ली। [ Agriculture Budget ]  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022 का बजट पेश कर दिया। इस बजट में उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं की। सीतारमण ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा, इसके अलावा, किसानों को हाईटेक बनाने के लिए PPP मॉडल शुरू होगा।

जानिए बजट की बड़ी बातें

  • कृषि मंत्रालय का दायरा बढ़ाया जाएगा
  • ओर्गानिक खेती पर जोर
  • MSP पर रिकॉर्ड खरीदारी की जाएगी
  • रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा
  • प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा

 

पिछले बजट में क्या हुई थी घोषणा

2021-22 बजट में एग्रीकल्चर इँफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवेलपमेंट सेस (एआईडीसी) बढ़ाते हुए पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 4 रुपये प्रति लीटर रखा गया।

एमएसपी बढ़ाकर उत्पादन लागत का 1.5 गुना किया गया।

एग्रीकल्चर इँफ्रास्ट्रक्चर सेस काबुली चने पर 30 फ़ीसदी, मटर पर 50 फ़ीसदी, मसूर की दाल पर 5 फीसदी और रूई पर 5 फ़ीसदी बढ़ा दिया गया। हालांकि सरकार ने इसपर लगने वाली कस्टम ड्यूटी घटा दी। वित्त मंत्री ने 2021-22 में कृषि ऋण लक्ष्य को 16.5 लाख करोड़ रुपये तक कर दिया।

वित्त मंत्री के मुताबिक, गेहूं के लिए किसानों को 75,060 और दालों के लिए 10,503 करोड़ का भुगतान किया गया।

स्वामित्व योजना को देशभर में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का ऐलान किया गया है, जिसमें कई फसलों को शामिल किया जाएगा।

धान की भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ होने का अनुमान है और कृषि उत्पादों में 22 और उत्पादों को शामिल किया जाएगा।

वित्त वर्ष 2021 में किसानों को गेहूं पर 75,100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वित्त मंत्री के मुताबिक़, गेहूं उगाने वाले 43.36 लाख किसानों को एमएसपी के तहत सरकारी ख़रीद से लाभ हुआ, जो संख्या पहले 35.57 लाख थी।

पांच फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार किया जाएगा। साथ ही तमिलनाडु में फिश लैंडिंग सेंटर का विकास किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा, “गेहूं पर सरकार ने 33 हज़ार करोड़ रुपये 2013-14 में खर्च किए थे। 2019 में 63 हज़ार करोड़ रुपये और अब यह 75 हज़ार करोड़ रुपये हो गई है। 2020-21 में 43 लाख किसानों को इसका लाभ मिला है।