कोरोना से बचाव को मास्क लगाकर नमाज पढ़ना मकरूह नहीं: उलमा

देवबंद [24CN] : नाक और मुंह छुपाकर नमाज पढ़ने को मकरूह (नापसंदीदा अमल) बताने वाले एक सवाल पर उलमा का कहना है कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क लगाकर नमाज पढ़ी जा सकती है। इसमें कोई हर्ज नहीं है।

फतवा ऑनलाइन के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारूकी से एक शख्स ने ऑनलाइन सवाल किया था कि नाक और मुंह छुपाकर नमाज पढ़ना मकरूह है तो मास्क पहनकर नमाज पढ़ना भी मकरूह होगा। सवाल पर मुफ्ती अरशद फारूकी ने शरीयत के हवाले से जवाब दिया कि बिना किसी वजह नाक और मुंह को ढ़क कर नमाज पढ़ना मकरूह है। लेकिन क्योंकि इस वक्त मुल्क में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस तेजी के साथ फैल रहा है, जो लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बना हुआ है। लोगों को इस महामारी से बचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की और से जो गाइडलाइन जारी की गई है। उसमें मास्क लगाने को जरूरी करार दिया गया है। इसलिए मास्क पहनकर नमाज पढ़ी