बागी प्रत्याशियों ने बिगाड़े अधिकृत उम्मीदवारों के चुनावी समीकरण

सहारनपुर। जनपद में चल रहे स्थानीय निकाय चुनाव में विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में चलाए जा रहे सघन जनसम्पर्क अभियान के चलते चुनाव सरगर्मियां चरम पर हैं। इसके बावजूद कुछ प्रत्याशियों को भीतरीघात की आशंका सता रही है।

गौरतलब है कि जनपद में सहारनपुर नगर निगम के अलावा देवबंद, सरसावा, नकुड़ व गंगोह नगर पालिका तथा रामपुर मनिहारान, नानौता, तीतरों, अम्बेहटा पीर, सुलतानपुर चिलकाना, बेहट व छुटमलपुर में निकाय अध्यक्ष पाषर्दों/सभासदों के पदों के लिए विभिन्न दलों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि सभी दलों के प्रत्याशियों द्वारा अपने-अपने समर्थक दल के प्रत्याशियों को जिताने के लिए उनके पक्ष में चोटी से ऐड़ी तक का जोर लगाकर सघन जनसम्पर्क अभियान चलाया हुआ है परंतु लगभग सभी राजनीतिक दलों से टिकट न मिलने के चलते निकाय अध्यक्ष के अलावा पार्षद व सभासद पदों के लिए बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी एक ओर जहां खासा सिर दर्द बने हुए हैं, वहीं दूसरी ओर विभिन्न दलों के प्रत्याशियों की जीत में भी बाधा बने हुए हैं। सहारनपुर महानगर में भी भारतीय जनता पार्टी द्वारा टिकट से वंचित रखे गए कई निवर्तमान पार्षद भी निर्दलीय प्रत्याशियों के रूप में चुनाव मैदान में डटे हुए हैं।

इसी तरह सरसावा नगर पालिका परिषद में पार्टी हाईकमान द्वारा टिकट वितरण में धांधली बरतने का आरोप लगाते हुए अनेक भापाइयों द्वारा अपने पदों से त्यागपत्र दिया गया है। इसी तरह बेहट नगर पंचायत में चेयरमैन पद का टिकट हासिल करने के लिए भाजपा में शामिल हुए कद्दावर राजनीतिज्ञ शाह महमूद हसन ने भी टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में ताल ठोक रखी है। अब देखना यह है कि पार्टी से बगावत कर प्रत्याशी चुनाव जीतकर स्वयं मुकद्दर का सिकंदर बनते हैं या सिर्फ अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को हराने का माध्यम ही बनकर रह जाएंगे।