महाकुंभ हादसा: ‘जांच में षडयंत्र की बू आ रही है’, रविशंकर प्रसाद ने संसद में दिया बयान

महाकुंभ हादसा: ‘जांच में षडयंत्र की बू आ रही है’, रविशंकर प्रसाद ने संसद में दिया बयान

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में हर रोज करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान कर रहे हैं। भारत समेत दुनिया के विभिन्न देशों से लोग महाकुंभ में गंगा, यमुना, सरस्वती के त्रिवेणी संगम में स्नान कर रहे हैं। हालांकि, बीते 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में भगदड़ जैसी स्थिति मच गई थी जिस कारण कई श्रद्धालुओं की जान चली गई थी। इस हादसे की न्यायिक जांच की जा रही है। महाकुंभ में हादसे को लेकर संसद में भी विपक्षी दलों की ओर से हंगामा किया जा रहा है। वहीं, लोकसभा में भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा है कि महाकुंभ हादसे की जांच में षडयंत्र की बू आ रही है।

जांच में षडयंत्र की बू आ रही है- रविशंकर प्रसाद

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महाकुंभ में अब तक 35 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। जो हादसा हुआ उसकी जांच चल रही है और उस जांच में षडयंत्र की बू आ रही है। जब पूरी जांच सामने आएगी तब वो हादसा किसने करवाया उनको शर्म से झुकना पड़ेगा। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कुंभ और सनातन का नाम सुनते ही विपक्ष को परेशानी क्यों हो जाती है। एक बात मैं सदन में साफ-साफ कहना चाहता हूं। सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।

 

 

कैसे हुआ था हादसा?

महाकुंभ में मची भगदड़ पर मेला अधिकारी और DIG कुंभ वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने बताया था कि भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 36 घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा था। डीआईजी ने बताया कि भीड़ की वजह से कुछ बैरिकेड टूट गए। कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स तोड़कर आगे जाना चाहते थे जिससे वहां सोए हुए श्रद्धालुओं पर भीड़ चल पड़ी।

अब तक कितने लोगों ने स्नान किया?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी महाकुंभ में त्रिवेणी संगम अब तक 35 करोड़ लोगों ने स्नान कर लिया है। बता दें कि अनुमान के मुताबिक, महाकुंभ में करीब 40 करोड़ लोगों के शामिल होने का अनुमान था। हालांकि, आंकड़ा इससे कहीं अधिक जा सकता है। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी। वहीं, इसका समापन 26 फरवरी को होगा।


विडियों समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *