लंदन में अकूत संपत्ति जमा कर रखा है राणा कपूर, ED कर रही तलाश

लंदन में अकूत संपत्ति जमा कर रखा है राणा कपूर, ED कर रही तलाश
हाइलाइट्स
  • राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया
  • राणा कपूर को 11 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा गया
  • उनकी पत्नी और बेटियों से भी ईडी कर रहा पूछताछ
  • लंदन में अकूत संपत्ति, 44 महंगी पेटिंग्स का कलेक्शन

नई दिल्ली
यस बैंक मामले में राणा कपूर के खिलाफ शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। शुक्रवार शाम से 30 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद शनिवार आधी रात के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। वह 11 मार्च तक कस्टडी में रहेंगे। राणा कपूर के अलावा उनकी पत्नी और बेटियों से भी पूछताछ की जा रही है। ईडी यह जानना चाह रहा है कि लंदन का असेट उन्होंने कैसे खरीदा।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ईडी फिलहाल उस सोर्स का पता कर रही है जहां से पैसे आए और लंदन में असेट खरीदा गया। ईडी के रडार पर करीब 2 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट्स, 44 महंगी पेंटिंग्स और दर्जनों शेल कंपनियां हैं। इन कंपनियों की मदद से राणा कपूर और परिवार को पैसा ट्रांसफर किया जा रहा था।

ईडी के अधिकारी जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ था कि नवंबर 2019 में राणा कपूर ने यस बैंक में अपने पूरे शेयर बेच दिए, जबकि वे बार-बार कहते आ रहे थे कि यस बैंक में कभी भी अपना शेयर नहीं बेचेंगे। वे इसे अपना डायमंड बताते थे।

मुंबई: Yes Bank के फाउंडर राणा कपूर के घर पर ED का छापा

मुंबई: Yes Bank के फाउंडर राणा कपूर के घर पर ED का छापायस बैंक के फाउंडर राणा कपूर के मुंबई स्थित ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। ईडी ने राणा कपूर के खिलाफ केस भी दर्ज किया है।छापेमारी के दौरान ईडी ने यस बैंक (Yes Bank) से जुड़े दस्तावेजों को खंगाला है। हालांकि ईडी की तरफ से इस छापेमारी को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। रिपोर्ट के मुताबिक राणा कपूर को लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। यानी राणा कपूर जांच पूरी होने तक देश से बाहर नहीं जा पाएंगे।

आरबीआई ने इसे एक महीने के लिए मोरैटोरियम पीरियड में डाल दिया है। यस बैंक के ग्राहक फिलहाल एक महीने में अधिकतम 50 हजार रुपये निकाल सकते हैं। इसके अलावा पुराने बोर्ड को भंग कर दिया गया है। संकट से उबारने के लिए स्टेट बैंक सामने आया है और अपनी स्कीम पर काम कर रहा है। एसबीआई 2450 करोड़ में यस बैंक का 49 फीसदी स्टेक खरीदेगा।

राणा कपूर ने बैंकिंग की दुनिया में बहुत तेजी से तरक्की की और यस बैंक को टॉप-5 लेंडर्स की कैटिगरी ला खड़ा किया। उनकी कोशिश यस बैंक को एचडीएफसी और कोटक बैंक जैसे बनाने की थी। अपने कॉर्पोरेट ग्रोथ के लिए उन्होंने उन बिजनसमैन को लोन बांटना शुरू किया जिन्हें दूसरे बैंकों ने बुरे प्रदर्शन के कारण लोन देने से मना कर दिया था। वह लोन बांटते चले गए और यस बैंक का ग्रोथ तेजी से होने लगा।

इसी कड़ी में उन्होंने डीएचएफल, अनिल अंबानी, वोडाफोन, कैफे कॉफी डे जैसे बिजनसमैन को लोन दिया और बाद में ज्यादातर लोन एनपीए हो गया। रिजर्व बैंक को जब शक हुआ तो 2015 में असेट क्वॉलिटी रीव्यू (AQR) को शुरू किया गया। रिजर्व बैंक ने पाया कि 2017 में बैंक ने 2018 करोड़ का एनपीए दिखाया है, जबकि कुल एनपीए 8373 करोड़ का है। मतलब यस बैंक ने 6355 करोड़ का एनपीए छिपाया। इसके बाद रिजर्व बैंक ने आगे की कार्रवाई की। जनवरी 2019 में उन्हें चेयरमैन पद से हटा गया गया।