अयोध्या में भीड़ का महाकुंभ, पहले से दोगुना भक्तों को दर्शन दे रहे रामलला; देर रात तक खुल रहे मंदिर

बढ़ा दी गई थी दर्शन की टाइमिंग
गुरुवार को भी रात्रि 12:10 बजे मंदिर बंद किया गया। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गत एक अक्टूबर को नवरात्र के प्रथम दिन से मंदिर की दिनचर्या व्यवस्थित करके रामलला के दर्शन अवधि तय कर दी थी। तबसे मंदिर के पट सुबह सात बजे खुल रहे थे और मध्याह्न में 12:30 से 1:30 बजे तक एक घंटे बंदी हो रही थी। फिर डेढ़ बजे से रात नौ बजे तक दर्शन होते थे और शयन आरती के उपरांत साढ़े नौ बजे तक पट बंद हो जाते थे।
अचानक बढ़ गई श्रद्धालुओं की संख्या
कई दिनों तक ऐसी स्थिति रही तो फरवरी के प्रथम सप्ताह में ट्रस्ट ने विज्ञप्ति जारी कर दर्शन अवधि बढ़ाते हुए 17 घंटे कर दी। तय समयावधि के अनुसार सुबह पांच बजे मंदिर खोला जाना था और रात्रि दस बजे बंद किया जाना था, लेकिन हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जा रही है।
12 बजे रात में बंद हो रहा मंदिर
सूत्रों का कहना है कि गत पखवारे भर से शायद ही कोई ऐसा दिन हो, जब मंदिर 12 बजे से पहले बंद हुआ हो। मध्यरात्रि तक मंदिर खुलने के कारण दर्शनावधि 19 घंटे तक हो जा रही है। एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे कहते हैं कि रात्रि के समय में रामजन्मभूमि पथ पर दर्शनार्थियों का दबाव अत्यधिक बढ़ जाता है।
देर रात तक आते हैं भक्त
अधिकाधिक भक्त रामलला का दर्शन करके वापस हो सकें, इसके लिए ट्रस्ट पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर साढ़े 11 बजे तक रामजन्मभूमि पथ से प्रवेश दिया जाता है और 12 बजे तक दर्शन कराया जाता है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को भी रात्रि 12:10 बजे तक मंदिर खुला था।
दर्शनार्थियों की संख्या के आगे सिद्धांत बदलना अनुचित
जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य ने कहा कि दर्शनार्थियों की संख्या के आगे सिद्धांत नहीं बदले जाते हैं। किसी भी मंदिर का अपना नियम व विधान होता है। यदि राम मंदिर में विराजमान रामलला को बालक स्वरूप में माना जा रहा है तो उनकी सुख-सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखना होगा।