• About WordPress
    • WordPress.org
    • Documentation
    • Learn WordPress
    • Support
    • Feedback
  • Log In
  • Register
Skip to content
24CityNews
  • होम
  • राज्य
    • उत्तर प्रदेश
    • दिल्ली
    • बिहार
    • हरियाणा
    • Uttrakhand News
  • शहर
    • सहारनपुर | Saharanpur News
    • लखनऊ
    • गाज़ियाबाद
    • मुज़फ्फर नगर
    • मेरठ
  • खेल
    • क्रिकेट
  • मनोरंजन
    • बॉलीवुड
  • ज्योतिष
  • व्यापार
  • धर्म
    • व्रत एवं त्यौहार
  • जीवन शैली
  • कनवर्टर
  • Latest Jobs
  • Write for Us

राकेश टिकैत की आंखों से आंसू छलकने से आया था सैलाब, अब ‘हमला’ ने खोल दी लोकप्रियता की पोल

  • April 7, 2021
राकेश टिकैत की आंखों से आंसू छलकने से आया था सैलाब, अब ‘हमला’ ने खोल दी लोकप्रियता की पोल
  • Rakesh Tikait Latest News एक समय था जब संयुक्त किसान मोर्चा के सभी नेता एक तरफ और भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत एक तरफ। 2 महीने के बाद हालात बदल गए हैं। राकेश टिकैत का जलवा कम हो रहा है और किसान आंदोलन तकरीबन खात्मे की ओर है।

नई दिल्ली । 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा ने यूपी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के खत्म होने की कहानी लिख दी थी। वहीं, हिंसा के 24 से 48 घंटे के भीतर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नेता राकेश टिकैत के आंसुओं से आंदोलन में ऐसा सैलाब आया कि किसान आंदोलन की दशा और दिशा ही बदल गई। भाकियू नेता राकेश टिकैत किसान आंदोलन के केंद्र में आ गए। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के सभी नेता एक तरफ और भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत एक तरफ। लेकिन 2 महीने के बाद हालात बदल गए हैं। किसान आंदोलन 360 डिग्री घूम गया है। आलम यह है कि सिर्फ भारतीय जनता पार्टी को कोसने वाले राकेश टिकैत का जलवा कम हो रहा है और किसान आंदोलन तकरीबन खात्मे की ओर है।

राकेश टिकैत के आंसुओं ने बदला था माहौल

बेशक किसान आंदोलन और राकेश टिकैत दोनों ही अपनी प्रासंगिकता खोते जा रहे हों, लेकिन 2 महीने पहले तीनों नए केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर केंद्र के साथ गतिरोध के बीच गाजीपुर बॉर्डर पर जब राकेश टिकैत की आंखों में आंसू आए तो इससे उनके किसान समर्थक भी भावुक हो गए थे। हालात यह बन गए थे कि ग्रामीण भावनाओं से अभिभूत होकर, बच्चों सहित पानी, घर का बना भोजन और छाछ लेकर प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। तब राकेश टिकैत ने घोषणा की थी कि वह तभी पानी पीएंगे जब किसान इसे लाएंगे क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने विरोध स्थल पर पानी के टैंकरों को रोक दिया था। इसके बाद दो महीने बाद फिर हालात बदल गए हैं। न तो राकेश टिकैत उतने प्रभावी रह गए हैं और न ही किसान आंदोलन।

हमले के बाद राकेश टिकैत को नहीं मिली सहानुभूति

जनवरी के अंतिम सप्ताह में पत्रकारों के सवालों के जवाब देने के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का रोना और उनके आंसुओं ने किसान आंदोलन में जबरदस्त भावना पैदा की। कभी राकेश टिकैत सिर्फ यूपी गेट पर ही सिमटे थे, लेकिन अब आलम यह है कि वह देशभर में किसानों के सम्मेलनों और पंचायतों में जा रहे हैं। यहां तक कि उन्हें बराबर तवज्जो भी मिल रही है। वहीं,  पिछले सप्ताह राकेश टिकैत पर राजस्थान के अलवर जिले में हमला हुआ, लेकिन इसकी सिर्फ हलचल हुई। यहां तककि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से भी कोई खास बड़ा बयान नहीं आया। किसानों में उस तरह की प्रतिक्रिया नहीं हुई, जैसे पहले हुई थी।

कांस्टेबल से लेकर अब किसान नेता तक, ऊपर-नीचे होता रहा राकेश टिकैत का ग्राफ

देश के बड़े किसान नेताओं में शुमार स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत के दूसरे नबंर के बेटे राकेश टिकैत किसी समय में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल थे। अपने तकरीबन एक दशक के राजनीतिक सफर के दौरान उन्होंने चुनावों में भी हाथ आजमाया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। वहीं, किसान आंदोलन ने राकेश टिकैत को पश्चिमी उत्तर प्रदेश से बाहर निकलकर राष्ट्रीय सुर्खियों में जगह दी। इसमें भी कोई शक नहीं है कि राकेश टिकैत वर्तमान समय में सबसे शक्तिशाली किसान नेता के रूप में उभरे हैं।

28 नवंबर से यूपी गेट पर डाल रखा है राकेश टिकैत ने डेरा

तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ 28 नवंबर, 2020 से ही बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इनमें सिंघु, शाहजहांपुर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर प्रमुख रूप से है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रतिनिधित्व खुद राकेश टिकैत कर रहे हैं।

सिंघु और यूपी गेट पर केंद्रित हो गया है किसान आंदोलन

सिंघु बॉर्डर के बाद किसान आंदोलन फिलहाल दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर स्थानांतरित हो गया है। यहां पर अक्सर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी आते हैं और किसानों में जोश भरते हैं। लेकिन अब यहां पर आंदोलन खात्मे की ओर है।  यह आंदोलन अब कमजोर पड़ता दिखायी दे रहा है।

जानिये- राकेश टिकैत के बारे में

  • मेरठ विश्वविद्यालय से बीए स्नातक राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।
  • राकेश टिकैत के दो छोटे भाई हैं – सुरेंद्र और नरेंद्र, जबकि नरेश टिकैत बड़े हैं और भाकियू के अध्यक्ष हैं। सुरेंद्र एक चीनी मिल में प्रबंधक के रूप में काम करते हैं और नरेंद्र खेती बाड़ी का काम देखते हैं।
  • राकेश टिकैत दो बेटियों और एक बेटे के पिता हैं।
  • राकेश टिकैत ने चुनावों में भी हाथ आजमाया लेकिन दोनों बार हार गए। साल 2007 में, एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मुजफ्फरनगर में खतौली निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार मिली।
  • 2014 में, राकेश टिकैत ने राष्ट्रीय जनता दल (रालोद) के टिकट पर अमरोहा जिले से लोकसभा चुनाव लड़ा। यहां भी हार गए।
  • 2014 के चुनावों से पहले, टिकैत ने 4.25 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जिसमें 10 लाख रुपये नकद और 3 करोड़ रुपये से अधिक की भूमि के साथ 10.95 लाख रुपये की देनदारियां शामिल थीं।

 


Post navigation

Prev
Next
‘साफ हवा नहीं दे सकते तो कम से कम एयर प्यूरीफायर पर GST कम कर सकते हैं’, प्रदूषण को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

‘साफ हवा नहीं दे सकते तो कम से कम एयर प्यूरीफायर पर GST कम कर सकते हैं’, प्रदूषण को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

  • December 24, 2025
दिल्ली मेट्रो का बढ़ेगा दायरा, मोदी कैबिनेट ने दी फेज 5A को मंजूरी, 12 हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च

दिल्ली मेट्रो का बढ़ेगा दायरा, मोदी कैबिनेट ने दी फेज 5A को मंजूरी, 12 हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च

  • December 24, 2025
प्रियंका का एकमात्र मकसद राहुल को PM बनाना, कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार वाली अटकलों पर बोले शिवकुमार

प्रियंका का एकमात्र मकसद राहुल को PM बनाना, कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार वाली अटकलों पर बोले शिवकुमार

  • December 24, 2025
उद्धव-राज ठाकरे के गठबंधन पर कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया, ‘हम कभी MNS के साथ…’

उद्धव-राज ठाकरे के गठबंधन पर कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया, ‘हम कभी MNS के साथ…’

  • December 24, 2025
राजपूतों के जवाब में हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक! शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का दावा- बुलबुले आने लगे बाहर

राजपूतों के जवाब में हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक! शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का दावा- बुलबुले आने लगे बाहर

  • December 24, 2025
राहुल गांधी ने BJP पर लगाया एकाधिकार को बढ़ावा देने का आरोप, बोले- सामंती मानसिकता के खिलाफ हमारी लड़ाई

राहुल गांधी ने BJP पर लगाया एकाधिकार को बढ़ावा देने का आरोप, बोले- सामंती मानसिकता के खिलाफ हमारी लड़ाई

  • December 24, 2025

विडियों समाचार

https://www.youtube.com/watch?v=EwKHE8m38mw

Recent News

  • नकुड में चंडीगढ पुलिस ने छापेमारी एक युवक को उठाया , कार्रवाई से मचा कडकंप December 24, 2025
  • शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर एंड एनवायरमेंटल साइंसेज विभाग द्वारा राष्ट्रीय किसान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन December 24, 2025
  • नकुड़ पुलिस की बड़ी सफलता चर्चित भाजपा नेता धर्म सिंह कोरी हत्याकांड का खुलासा। December 24, 2025
  • यूपी विधानसभा में विपक्ष पर गरजे CM योगी, कहा- “जो भी कब्जा करेगा, उसे नहीं छोड़ूंगा, कोई नहीं रोक सकता बुलडोजर” December 24, 2025
  • ठाकरे ब्रदर्स के गठबंधन पर आया CM देवेंद्र फडणवीस का पहला बयान, बोले- ‘हाइप तो ऐसे बनाई जा रही है जैसे रूस और यूक्रेन…’ December 24, 2025
  • ‘साफ हवा नहीं दे सकते तो कम से कम एयर प्यूरीफायर पर GST कम कर सकते हैं’, प्रदूषण को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई फटकार December 24, 2025
  • दिल्ली मेट्रो का बढ़ेगा दायरा, मोदी कैबिनेट ने दी फेज 5A को मंजूरी, 12 हजार करोड़ रुपए होंगे खर्च December 24, 2025
  • प्रियंका का एकमात्र मकसद राहुल को PM बनाना, कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार वाली अटकलों पर बोले शिवकुमार December 24, 2025
  • उद्धव-राज ठाकरे के गठबंधन पर कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया, ‘हम कभी MNS के साथ…’ December 24, 2025
  • राजपूतों के जवाब में हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक! शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का दावा- बुलबुले आने लगे बाहर December 24, 2025

More

  • कालम
  • क्रिकेट
  • बॉलीवुड
  • विश्व
  • व्यापार

More

  • Write for Us – Guest Post
  • Quick Contact
  • About Us
  • Advertise with Us
  • Privacy Policy
  • Apply for Journalist

Subscribe for Newsletter

Email

24CityNews 2021 Cream Magazine by Themebeez