रेवाड़ी :  किसान आंदोलन को लेकर किसान नेता के तेवर तल्ख हो रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं है। छह माह का आंदोलन ज्यादा नहीं है। किसान तो 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं। जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे। राकेश टिकैत बृहस्पतिवार को दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित शाहजहांपुर-जयसिंहपुर खेड़ा बार्डर पर कृषि कानून विरोधियों के धरना स्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने बुधवार को आई आंधी व बारिश से धरना स्थल पर हुए नुकसान का जायजा लिया।

इस आंदोलन से बहुत कुछ सीखा है

टिकैत ने कहा कि हिसार में सरकार व पुलिस द्वारा जो किया गया वह ठीक नहीं था। जो किसान घायल हुए है क्या सरकार उनकी शिकायत पर भी पर्चा दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि आंदोलन से बहुत सीखा है। आंदोलन ने उन्हें एकजुटता व मजबूती सिखाई है।

अस्पताल एवं संसद की भी बात कर तेवर किए तल्ख

कोरोना बीमारी का रास्ता अस्पताल जाता है और किसान आंदोलन का रास्ता संसद जाता है। दोनों के रास्ते पूरी तरह से अलग हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन सरकार के पास है और ठीकरा किसानों पर फोड़ा जा रहा है। सरकार कैंप लगा कर वैक्सीन लगवाए, किसी ने इंकार नहीं किया है।

सरकार के पास वैक्सीन ही नहीं है

उन्होंने कहा कि सरकार झूठ बोल रही है। सरकार के पास वैक्सीन ही नहीं है तो लगाएंगे कहां से। किसानों को तो सिर्फ बदनाम किया जा रहा है। आगामी 26 मई को देश भर में काला दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि धरना स्थल पर आंधी और बारिश से नुकसान हुआ है, लेकिन वह हटने वाले नहीं है। फिर से खड़े हो जाएंगे।

टीनशेड व अन्य निर्माण करने की दी चेतावनी

टीनशेड व अन्य निर्माण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तूफान की रफ्तार बहुत ज्यादा थी। कई राज्यों में तूफान से बड़ा नुकसान भी हुआ है। इस अवसर पर युद्धवीर सिंह, अमराराम, राजाराम, रामकिशन महलावत व डा. संजय माधव सहित अन्य आंदोलनकारी नेता मौजूद रहे।