दिल्ली/एनसीआर। हिसार में चौधरी देवीलाल संजीवनी कोविड अस्पताल का शुभारंभ के लिए आए मुख्यमंत्री मनोहर लाल का विरोध करने पहुंचे आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज के विरोध में कुंडली बार्डर पर बैठे आंदोलनकारियों ने केएमपी-केजीपी (कुंडली-मानेसर-पलवल व कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) एक्सप्रेस-वे जाम कर दिया। इधर, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने ताजा बयान जारी कर कहा है कि हिसार प्रकरण में 11 सदस्यीय कमेटी के साथ प्रशासन का समझौता हो गया है। सभी किसान अभी रिहा किए जा रहे हैं। किसान व पुलिस की ओर से किसी पर भी कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया जाएगा। इसके साथ ही सोमवार के लिए आंदोलन की नई घोषणा वापस ले ली गई है।

वहीं, संयुक्त मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी व अन्य नेताओं के आह्वान पर आंदोलनकारियों ने केएमपी-केजीपी के जीरो प्वाइंट को करीब दो घंटे तक जाम रखा। इस दौरान उन्होंने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए और मुख्यमंत्री का विरोध करने पहुंचे गिरफ्तार आंदोलनकारियों को रिहा करने की मांग की। जाम लगाने वाले आंदोलनकारी लाठी-डंडों और तलवारों से लैस थे। करीब सात बजे डीएसपी स्तर के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर शांत कराया और जाम खुलवाया। आंदोलनकारी भी जाम को खोलते हुए वापस अपने धरना स्थल पर पहुंच गए।

पुलिसवालों को भगाया

केजीपी-केएमपी पर जाम लगाने की सूचना मिलते ही आसपास मौजूद पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंच गया, लेकिन आंदोलनकारियों की संख्या काफी होने के कारण वे उन्हें रोक नहीं पाए। आंदोलनकारियों ने भी नारेबाजी करते हुए पुलिस कर्मियों को केजीपी-केएमपी के नीचे उतार दिया। हालांकि सूचना मिलने पर बाद में पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जाम खुलवाया।

महिला कर गाड़ी में किया पंचर

आंदोलनकारी केजीपी और केएमपी पर चढ़े तो गुरुग्राम की ओर से एक आल्टो कार में एक दंपति गाजियाबाद की ओर जा रहा था। जैसे ही वो केजीपी पर चढ़ने लगे तो आंदोलनकारियों ने उसकी गाड़ी का घेराव कर दिया। घेराव करने के बाद महिला और उसके पति आंदोलनकारियों से मिन्नतें करने लगे कि उनका बच्चा बहुत बीमार है। उन्हें जाने दें, लेकिन आंदोलनकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी। यही नहीं एक आंदोलनकारी ने तो उनकी कार ही पंचर कर दिया। बाद में काफी मशक्कत के बाद दंपति ने टायर बदला और आगे के लिए रवाना हुए।