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असीम मुनीर के डंपर-मर्सिडीज वाले बयान का राजनाथ सिंह ने दिया ऐसा जवाब

असीम मुनीर के डंपर-मर्सिडीज वाले बयान का राजनाथ सिंह ने दिया ऐसा जवाब

ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों बुरी तरह से मार खाने के बाद भी पाकिस्तान के बड़बोलापन कम नहीं हुआ है। हाल ही में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर ने पाकिस्तान को एक डंपर ट्रक और भारत को चमचमाती हुई मर्सिडीज बताते हुए उल्टे-सीधे बयान दिए थे। अब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने असीम मुनीर के इस बयान का करारा जवाब दिया है।

क्या बोले राजनाथ सिंह?

राजनाथ सिंह ने कहा- “हाल ही में, पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर अपने  बयान पर पाकिस्तान के अंदर भी और पूरी दुनिया में, खूब ट्रोल हुए। सबने यही कहा, कि अगर दो देश एक साथ आज़ाद हुए, और एक देश ने कड़ी मेहनत, सही नीतियों और दूरदृष्टि से, फरारी जैसी अर्थव्यवस्था बनाई, और दूसरा अभी भी डंपर की स्थिति में है, तो यह उनकी अपनी नाकामी है। मैं असीम मुनीर के इस बयान को एक कंफेशन के रूप में भी देखता हूं।”

कबीलाई और लुटेरी मानसिकता- राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा- “पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने, जाने-अनजाने में एक ऐसी कबीलाई और लुटेरी मानसिकता की तरफ इशारा किया है जिसका शिकार पाकिस्तान अपने जन्म से रहा है। मुझे ऐसा लगता है, साथियों, कि हमें पाकिस्तानी सेना के इस भ्रम को तोड़ना होगा। ऑपरेशन सिंदूर के चलते तो वैसे, उनके मन में यह भ्रम उत्पन्न होना भी नहीं चाहिए था। पर हमें यह एन्श्योर करना होगा कि भारत की समृद्धि, हमारी संस्कृति और हमारी इकॉनॉमिक प्रोसपेरिटी के साथ-साथ, हमारी रक्षा क्षमता और अपने राष्ट्रीय सम्मान के लिए, लड़ने की भावना भी उतनी ही सशक्त बनी रहे। हमें यह एन्श्योर करना होगा, कि हमारी सभ्यता में, हमारे राष्ट्र में, वह फाइटिंग स्पिरिट भी जिंदा रहे।”

‘युवा वैज्ञानिक ही न बनें, योद्धा वाली मानसिकता भी रखें’

राजनाथ सिंह ने कहा- “जब हम अपने बच्चों को यानि अपनी आगे आने वाली पीढ़ी को, विज्ञान, गणित, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम फिजिक्स और अंतरिक्ष अनुसंधान में आगे बढ़ाते हैं, उनको इन विषयों की शिक्षा देते हैं, तो साथ ही यह भी आवश्यक है, कि हर नागरिक, हर विद्यार्थी के भीतर राष्ट्र की रक्षा का संकल्प जीवित रहे। हमारे युवा केवल वैज्ञानिक ही न बनें, बल्कि योद्धा वाली मानसिकता भी रखें, जो उनके निजी जीवन में आगे बढ़ने में तो सहायक होगा ही, साथ ही साथ समाज और देश की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक होगा।”

‘रक्षा व्यय विकास व्यय का एक हिस्सा’

राजनाथ सिंह ने कहा- “अगर आपकी रक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, तो कोई भी शत्रु, कोई भी विरोधी, आपकी समृद्धि पर, आंख उठाकर नहीं देखेगा, उसे टारगेट करने की कोशिश नहीं करेगा। इसलिए मैं पूरी ज़िम्मेदारी के साथ, आप लोगों के सामने कहना चाहूंगा, कि रक्षा व्यय विकास व्यय का एक हिस्सा है। जब देश की सुरक्षा व्यवस्था पर आंच आती है, तो निश्चित तौर पर देश का विकास पीछे जाता है, देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचता है, देश के नागरिकों के जान-माल को नुकसान होता है। इसलिए मेरा मानना यह है, कि डिफेंस पर किया खर्च, इस तरह के नुकसान को कम करता है।”

‘भारत की इकॉनॉमिक जर्नी से जुडने का सही समय’

राजनाथ सिंह ने कहा- “यह समय है, कि हम चैलेंज से चिंतित होने की बजाय, मौका देखें। तभी आने वाले वर्षों में, हम सभी मिलकर, भारत को सिर्फ तकनीक का कंज्यूमर नहीं, बल्कि टेक्नॉलॉजी क्रिएटर और इस सेक्टर में ग्लोबल लीडर बना सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था की, जिस रैपिड रेल के हम सब सहयात्री हैं, उसके अगले स्टेशन growth, prosperity और खुशियों के हैं। दरवाजे दोनों साइड खुलेंगे। इसलिए यह सही समय है, भारत की इकॉनॉमिक जर्नी से जुडने का। मैं मानता हूं कि सुरक्षित, समावेशी, सतत विकास का समाधान भारत से ही निकलेगा। यह मेरा अडिग विश्वास है।”

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