राजीव गांधी हत्या मामला: तमिलनाडु गर्वनर पर SC नाराज , कहा- दो सालों से लंबित क्यों है दोषी की याचिका

राजीव गांधी हत्या मामला: तमिलनाडु गर्वनर पर SC नाराज , कहा- दो सालों से लंबित क्यों है दोषी की याचिका

नई दिल्ली । राजीव गांधी हत्या मामले के दोषी ए जी पेरारिवलन की छूट की याचिका पर दो साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद तमिलनाडु के राज्यपाल  ने कोई फैसला नहीं लिया जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नाराजगी जाहिर की है।

जस्टिस एल नागेश्वर राव  की अगुवाई वाली बेंच ने  तमिलनाडु सरकार  से कहा  कि वे राज्य के गर्वनर से आग्रह करें कि राजीव गांधी हत्या मामले में दोषी द्वारा सजा से छूट की याचिका पर  राज्य के सुझावों के आधार पर  अपना निर्णय दें। राज्य के गर्वनर के पास लंबित पड़ी याचिका की सूचना मिलने के बाद बेंच ने कहा, ‘हमें इस बात की  खुशी नहीं हैं कि दो सालों से अब तक  ये सिफारिश लंबित पड़ा है।’ सुनवाई के दौरान बेंच ने तमिलनाडु के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल बालाजी श्रीनिवासन से सवाल का जवाब मांगा कि ‘गवर्नर इस मामले में इतना अधिक समय क्यों  ले रहे हैं? क्या आप उन्हें जवाब दे सकते हैं?’

श्रीनिवासन ने कहा कि यह मामला काफी बड़ी साजिश है और गवर्नर सीबीआई के रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल के एन नटराज ने बेंच से बताया कि मामले में साजिश दुनिया के कई देशों जैसे ब्रिटेन (United Kingdom), श्रीलंका ( Sri Lanka) से भी जुड़ी है।   21 मई 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरमबुदुर में चुनावी अभियान के दौरान LTTE (Liberation Tigers of Tamil Eelam ) आत्मघाती महिला हमलावर धनु (Dhanu) ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। पेरारिवलन द्वारा दायर याचिका पर बेंच सुनवाई कर रही थी। राज्य सरकार की सिफारिशों के आधार  पर याचिका में पेरारिवलन ने कैद से रिहाई की दरख्वास्त की है। 18 फरवरी 2014 को शीर्ष कोर्ट ने पेरारिवलन को दी गई मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था।


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