राजस्थान में बीजेपी के पोस्टर में राजे की वापसी, मतभेद खत्म हुए क्या!
- हाल ही में राज्य पार्टी मुख्यालय के बाहर लगे पोस्टरों और बैनरों से राजे की तस्वीरें हटा दी गईं थी.
जयपुर : बीजेपी के लिए राजस्थान सिरदर्द रहा है. आंतरिक मतभेद दूर करने के लिए बीजेपी आलाकमान की हमेशा से काफी ऊर्जा जाया होती आई है. इस कड़ी में अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भाजपा के पोस्टरों में वापस आ गई हैं, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव दो खेमों के बीच मतभेद समाप्त करने में सफल रहे हैं. एक खेमे का नेतृत्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सतीश पूनिया और दूसरे का नेतृत्व राजे कर रही हैं. यह सवाल राजनीतिक हलकों में तैर रहा है, क्योंकि यादव की बहुचर्चित यात्रा से पहले एक नया पोस्टर सामने आया है, जिसमें पूनिया के बाद राजे की तस्वीर देखी जा सकती है.
इस क्रम में पोस्टर में हैं बीजेपी नेताओं की तस्वीरें
पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली तस्वीर है, उसके बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और भूपेंद्र यादव हैं. इसके बाद पूनिया, फिर राजे और फिर विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया आते हैं. इनके बाद गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी सहित केंद्रीय मंत्री की तस्वीर है. हाल ही में राज्य पार्टी मुख्यालय के बाहर लगे पोस्टरों और बैनरों से राजे की तस्वीरें हटा दी गईं थी, जिससे पूर्व सीएम के फोलोवर्स नाराज हो गए थे. राजे इन सभी महीनों तक चुप रहीं, उनके फोलोवर्स राज्य पार्टी नेतृत्व के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और उनके एक वफादार रोहिताश्व शर्मा को भी छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.
राजे पोस्टर वॉर पर दे चुकी हैं बयान
हालांकि हाल ही में उन्होंने पहली बार पोस्टर विवाद पर पलटवार करते हुए कहा, ‘मैं पोस्टर की राजनीति में विश्वास नहीं करती, लेकिन लोगों के दिलों पर राज करना और बसना चाहती हूं.’ उन्होंने कहा कि जब उन्होंने राजनीति में कदम रखा तो उनकी मां राजमाताजी ने उनसे कहा कि हाथ की पांचों उंगलियां एक जैसी नहीं होती हैं. इसलिए जब आप गांवों का दौरा करते हैं, तो आपको विभिन्न प्रकार के मतभेदों के बावजूद लोगों को एक-दूसरे के लिए प्यार के साथ एक परिवार में एकजुट करने की आवश्यकता होती है.
केंद्रीय नेतृत्व की नजरें हैं राजस्थान पर
इस बीच, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान पर अपनी नजर बनाए हुए है और स्थिति की समीक्षा और निगरानी के लिए टीमें भेज रहा है. पार्टी नेता जैसे सीटी रवि और अरुण सिंह पहले ही राज्य का दौरा कर चुके हैं और अब भूपेंद्र यादव 2023 में आगामी चुनावों के लिए मंच तैयार करने के लिए समीकरण को संतुलित करने के लिए यहां हैं. इस कड़ी में वसुंधरा राजे की बीजेपी के पोस्टर वापसी में कई निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं. एक कयास तो यही निकल कर सामने आ रहा है कि बीजेपी आलाकमान को फौरी तौर पर अंदरूनी धींगामुश्ती से राहत मिल गई है.