राजस्थानः भरतपुर से BJP सांसद रंजीता कोली पर बदमाशों ने किया हमला

राजस्थानः भरतपुर से BJP सांसद रंजीता कोली पर बदमाशों ने किया हमला
  • भरतपुर से बीजेपी सांसद रंजीता कोली एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  का निरीक्षण करके अपने घर लौट रही थी. रास्ते में धरसोनी गांव के पास कुछ बदमाशों ने उनकी गाड़ी पर हमला बोल दिया था.

नई दिल्ली: राजस्थान के भरतपुर से बीजेपी सांसद रंजीता कोली कोरोनाकाल में काफी सक्रिय हैं. वे लगातार अपने क्षेत्र के अस्पतालों का दौरा करके निरीक्षण कर रही हैं. और लोगों से उनकी तकलीफ का हाल-चाल ले रही हैं. कल (गुरुवार को) भी वो अपने क्षेत्र के दौरे पर थी. और घर लौटते वक्त उन पर अज्ञात बदमाशों ने हमला कर दिया. बीजेपी सांसद  एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) का निरीक्षण करके अपने घर लौट रही थी. रास्ते में धरसोनी गांव के पास कुछ बदमाशों ने उनकी गाड़ी पर हमला बोल दिया था. इस घटना के बाद से बीजेपी कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है.

जानकारी के अनुसार भरतपुर से बीजेपी सांसद रंजीता कोली देर रात एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करके अपने घर लौट रही थी. रास्ते में धरसोनी गांव के पास 6-7 अज्ञात लोगों ने उनपर हमला कर दिया. इस हमले में बदमाशों ने सांसद की गाड़ी को बुरी तरह से छतिग्रस्त कर दिया. हमले के दौरान चोट लगने से सांसद भी बेहोश हो गईं, जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस मामले में राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने स्थानीय प्रशासन को आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की चेतावनी दी है.

‘डीएम ने नहीं की मदद’

घटना के बारे में सांसद की टीम ने मीडिया को बताया कि हमला इतना भयावय था की सांसद महोदया अचेत होकर बेहोश हो गईं. हमले के दौरान पुलिस से संपर्क किया गया लेकिन पुलिस को घटनास्थल तक पहुंचने में 45 मिनट लग गए. सांसद की टीम ने आरोप लगाया कि भरतपुर डीएम को लगातार फोन करने के बाद भी उनकी तरफ से फोन नहीं उठाया गया.

सांसद ने राज्य सरकार पर लगाए थे कई आरोप

सांसद लगातार अपने क्षेत्र का दौरा कर रही थीं. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर टेस्टिंग के आंकड़े छिपाने का भी आरोप लगाया था. सांसद का आरोप था कि राज्य सरकार कोरोना के सही आंकड़े पेश नहीं कर रही है. साथ ही उनका आरोप था कि लोगों का कोरोना टेस्ट नहीं किया जा रहा है. सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में रोजाना 5000 आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि भरतपुर जिले में पॉजिटिव केसों की संख्या को ना छुपाया जाए. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था.