Rajasthan Latest Update: पायलट को मनाने में राहुल-प्रियंका का अहम रोल, दो घंटे की बैठक से ऐसे टला सियासी संकट

Rajasthan Latest Update: पायलट को मनाने में राहुल-प्रियंका का अहम रोल, दो घंटे की बैठक से ऐसे टला सियासी संकट
नई दिल्ली  राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार करने वाले सचिन पायलट (Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot) अब मान चुके हैं। इसी के साथ पिछले कई दिनों से जारी सियासी संकट अब टलता दिख रहा है। हालांकि, सचिन पायलट को मनाने के पीछे सबसे रोल निभाया कांग्रेस के युवा ब्रिगेड यानी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi)। दोनों दिग्गजों ने की पहल पर ही सचिन पायलट एक बार फिर से गिले-शिकवे भूलकर लौट आए हैं। खुद पायलट ने कहा कि पार्टी हमें पद देती है तो वापस भी ले सकती है। मुझे किसी पद की कोई इच्छा नहीं है लेकिन मैं चाहता था कि हमारा स्वाभिमान बरकरार रहे।

पहले राहुल फिर प्रियंका से मिले पायलट और बनी बात

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राजस्थान का सियासी घटनाक्रम सोमवार को अचानक बदला, जब पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा। दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। इस दौरान पायलट ने अपनी मांगों और शिकायतों की जानकारी आगे रखी। पायलट ने राहुल गांधी के साथ-साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी करीब दो घंटे तक मुलाकात की। उनके समक्ष अपना पक्ष विस्तार से रखा। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया। जिसके पूरा विवाद सुलझ सका।

सोनिया के इस दांव का भी रहा अहम रोल

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सोनिया गांधी ने कमेटी का गठन भी इसलिए किया है जिससे पायलट और उनके समर्थक विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों का उचित समाधान किया जा सके। कांग्रेस की ओर से तीन सदस्यीय समिति के गठन के फैसले की घोषणा होने के बाद पायलट और उनके समर्थक विधायक पार्टी का वाररूम कहे जाने वाले ‘15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड’ पहुंचे जहां उन्होने प्रियंका गांधी, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक की।

वेणुगोपाल ने कहा, पायलट-गहलोत दोनों नेता हैं खुश

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इस मुलाकात के बाद पायलट ने कहा कि उनकी पद की लालसा नहीं है और उनके मुद्दे सैद्धांतिक हैं जो उन्होंने पार्टी आलाकमान के समक्ष रख दिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि समस्या का जल्द समाधान हो जाएगा। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि पायलट ने कांग्रेस पार्टी और राजस्थान में कांग्रेस सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई। वेणुगोपाल ने कहा कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही नेता खुश हैं।

‘राहुल गांधी के दखल से राजनीतिक संकट का निकला हल’

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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी के दखल से राजस्थान में राजनीतिक संकट का सौहार्दपूर्ण हल निकाल लिया गया। यह कांग्रेस में एकजुटता और कांग्रेस विधायकों की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे बीजेपी के जाल में नहीं फंसे। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे और पायलट को क्या भूमिका दी जानी चाहिए, इस पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है।

विधानसभा सत्र से कांग्रेस में नया जोश

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इस बीच, पायलट के समर्थक माने जाने वाले विधायक भंवर लाल शर्मा ने सोमवार शाम जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। पायलट की कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात विधानसभा सत्र आरंभ होने से कुछ दिनों पहले हुई है। 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा।

ऐसे गहलोत की कुर्सी पर मंडराया था संकट

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मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था। बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके थे कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। पायलट और उनके साथी 18 अन्य विधायकों की बगावत के कारण गहलोत सरकार मुश्किल में आ गई थी। गहलोत और कांग्रेस अपनी सरकार बचाने के लिए पिछले कई हफ्तों से जुटे हुए थे। पहले विधायकों को जयपुर के होटल में रखा गया था। बाद में उन्हें जैसलमेर के एक होटल में भेज दिया गया।