Rajasthan Govt Crisis Live Update: हॉर्स ट्रेडिंग मामले में कांग्रेस ने उठाई केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी की मांग
- राजस्थान हाईकोट की डिवीजन बेंच सचिन पायलट और अन्य 18 विधायकों को याचका पर करेगी सुनवाई।
- राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट विधानसभा स्पीकर से मिले नोटिस के खिलाफ याचिका लगाई है।
- अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग गुरुवार को हाईकोर्ट पहुंची थी।
- स्पीकर ने नोटिस जारी कर पूछा था कि कांग्रेस पार्टी में हो या नहीं? जवाब शाम 5 बजे तक देना है।
जयपुर
राजस्थान में आए सियासी भूचाल के बाद अब विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी के नोटिस के खिलाफ बागी विधायकों ने हाईकोर्ट की शरण ली है। गुरुवार को दायर याचिका पर आज दोपहर 1 बजे राजस्थान हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच सुनवाई करने वाली है। हालांकि इसी वक्त यानी दोपहर 1 बजे तक सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को स्पीकर के नोटिस का जवाब भी देना था। लेकिन स्पीकर जोशी ने इस मामले में पायलट को राहत देते हुए शाम 5 बजे तक का समय बढ़ा दिया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से होटल फेयरमोंट में हॉर्स ट्रेडिंग के मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है।
अपडेट- 9.50 बजे: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी हो- सुरजेवाला
हॉर्स ट्रेडिंग मामले में वायरल वीडियो को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, एसओजी को गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। उन्होंने उनकी गिरफ्तारी किए जाने तक की बात कही। वो दिल्ली रोड स्थित एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस का संबोधित कर रहे हैं।
अपडेट- 9.30 बजे: रणदीप सुरजेवाला की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दिल्ली रोड स्थित होटल फेयरमाेंट में प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हुई। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिं डोटासरा अपनी बात रख रहे हैं।
अपडेट- 9.00 बजे: स्पीकर ने शाम 5 बजे तक राहत दी
विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने कोर्ट पहुंचे सचिन पायलट गुट को बड़ी राहत दी है। उन्होंने पायलट और अन्य 18 विधायकों को जारी नोटिस का जवाब देना का समय दोपहर 1 बजे से बढ़ा कर अब शाम 5 बजे तक बढ़ा दिया है। इससे पहले इसी समय कोर्ट में भी सुनवाई तय होने से पायलट खेमे की बेचैनी बढ़ा दी थी।
अपडेट- 8.50 बजे: राजस्थान हाईकोर्ट में आज पायलट खेमे की सुनवाई
बागी खेमे की याचिका पर गुरुवार को टली सुनवाई शुक्रवार दोपहर 1 बजे सुनवाई होनी है। इससे पहले संभावना थी कि दो न्यायाधीशों की पीठ बागी खेमे की ओर से दाखिल संशोधित याचिका पर गुरुवार शाम करीब साढ़े सात बजे सुनवाई करेगी। हालांकि ऐसा नहीं हो सका, मामले पर शुक्रवार दोपहर एक बजे सुनवाई होना तय हुआ है।
अपडेट- 8.00 बजे: आज देना होगा नोटिस का जवाब
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर की ओर से सचिन पायलट और अन्य 18 विधायकों को मिले नोटिस का जवाब देने का शुक्रवार को अंतिम दिन है। दोपहर 1 बजे तक सभी विधायकों को बताना होगा कि वो कांग्रेस पार्टी में हैं या नहीं।
अपडेट- 7.30 बजे: गुरुवार को यहां तक पहुंची सियासी जंग
राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासी जंग गुरुवार को हाईकोर्ट पहुंच गई। यहां पायलट गुट की ओर से दायर याचिका पर दोपहर 3 बजे न्यायमूर्ति सतीश चन्द्र शर्मा ने सुनवाई की। लेकिन, बागी खेमे के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए समय मांगा। मामले पर शाम करीब पांच बजे फिर से सुनवाई हुई और उसे खंड पीठ के पास भेज दिया गया। लेकिन अदालत की पीठ सुनवाई के लिए नहीं बैठी और मामला अगले दिन तक के लिए टल गया।
कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपीजोशी से शिकायत की थी कि सचिन पायलट सहित इन 19 विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल होने के पार्टी के विप का उल्लंघन किया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को सभी को नोटिस जारी किया। पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का विप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो।
विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गयी शिकायत में कांग्रेस ने पायलट और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। इस प्रावधान के तहत अगर कोई विधायक अपनी मर्जी से उस पार्टी की सदस्यता छोड़ता है, जिसका वह प्रतिनिधि बनकर विधानसभा में पहुंचा है तो वह सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य हो जाता है।
सचिन पायलट, अन्य MLAs को याचिका में संशोधन के लिए समय दिया गया, अब मामले की सुनवाई करेगी खंडपीठराजस्थान उच्च न्यायालय ने सचिन पायलट और 18 अन्य असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों को स्पीकर द्वारा जारी किए गए ‘अयोग्य’ नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका को संशोधित करने का समय दिया है। सुनवाई 3 बजे तक के लिए टाल दी गई थी, लेकिन याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने इसमें संशोधन के लिए और समय मांगा है। इस मामले की सुनवाई अब हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच करेगी।