‘मेरी अनुमति के बिना मीडिया से बात न करें’, भाषा विवाद के बीच राज ठाकरे का पार्टी कार्यकर्ताओं को आदेश

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने पार्टी सदस्यों और पदाधिकारियों को निर्देश जारी करके उन्हें मीडिया से बात करने या सोशल मीडिया मंचों पर व्यक्तिगत प्रतिक्रिया पोस्ट करने से रोक दिया।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने पार्टी सदस्यों और पदाधिकारियों को निर्देश जारी करके उन्हें मीडिया से बात करने या सोशल मीडिया मंचों पर व्यक्तिगत प्रतिक्रिया पोस्ट करने से रोक दिया। ठाकरे ने कहा कि पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ताओं को भी उनकी (राज ठाकरे की) पूर्व अनुमति के बिना मीडिया से बात नहीं करनी चाहिए।
उनका यह निर्देश, तीन दिन पहले ही मुंबई में अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ आवाज मराठीचा नामक विजय समारोह में मंच साझा करने के बाद आया है। यह समारोह देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा राज्य के विद्यालयों में कक्षा एक से हिंदी को तीसरी के रूप में लागू करने संबंधी दो सरकारी प्रस्तावों (जीआर) को वापस लेने के मद्देनजर आयोजित किया गया था।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में भाषा विवाद बढ़ता जा रहा है इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की उस सलाह पर पलटवार करके नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को गैर-मराठी भाषी लोगों पर निशाना साधने को कहा था। किसी का नाम लिए बगैर भाजपा सांसद ने ‘बहुत बड़े बॉस’ को महाराष्ट्र से बाहर आने की चुनौती दी और कहा, “तुमको पटक पटक के मारेंगे।”
इससे पहले महाराष्ट्र में व्यापारियों द्वारा मराठी न बोलने पर एक फूड स्टॉल मालिक के साथ मारपीट के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान मंगलवार को राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। मीरा भयंदर इलाके में हुई रैली के कारण ठाणे जिले में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई और सड़क जाम होने से यातायात प्रभावित हुआ।
इस मार्ग पर रैली के लिए पुलिस की अनुमति न होने के बावजूद, मनसे कार्यकर्ताओं ने मुंबई तक मार्च निकालने की योजना बनाई थी। हालाँकि, मनसे के ठाणे और पालघर प्रमुख अविनाश जाधव और अन्य नेताओं को सुबह-सुबह अचानक हिरासत में लेने से पार्टी की योजनाएँ पटरी से उतर गईं। दरअसल, मनसे के संदीप देशपांडे ने इसे “आपातकाल जैसी” स्थिति बताते हुए कहा कि नेताओं को सुबह साढ़े तीन बजे ही हिरासत में ले लिया गया था।