उज्जैन के संत समाज की आपत्ति पर रेलवे का निर्णय, वेटर्स की बदली ड्रेस

- संत समाज की चेतावनी के बाद सोमवार शाम आईआरसीटीसी ने रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में काम करने वाले वेटरों की ड्रेस को बदल दिया.
नई दिल्ली: साधु-संतों के भारी विरोध के चलते आईआरसीटीसी ने रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन में सर्विस देने वाले वेटर्स की ड्रेस बदल दी है. ये वेटर्स रामायण एक्सप्रेस में सेवा दे रहे थे. उज्जैन के साधु-संतों की आपत्ति के बाद रेलवे ने यह निर्णय लिया.सोमवार शाम को आईआरसीटीसी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. अयोध्या-रामेश्वरम ट्रेन में भगवा ड्रेस पहने बर्तन उठा रहे वेटर्स का वीडियो वायरल होने के बाद, उज्जैन के संत समाज ने इसे साधु संतों का अपमान बताया था. इसपर रेल मंत्री को चिट्ठी लिखी गई, साथ ही ट्रेन रोकने की चेतावनी भी दी गई थी.
संत समाज की चेतावनी के बाद सोमवार शाम आईआरसीटीसी ने रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में काम करने वाले वोटरों की ड्रेस को बदल दिया. आईआरसीटीसी ने ट्वीट कर इस जानकारी को सार्वजनिक किया और लिखा ‘ट्रेन के स्टाफ की ड्रेस को पेशेवर यूनिफॉर्म में बदल दिया गया है.’
वायरल वीडियो में ट्रेन के वेटर्स साधु संतों के भगवा कपड़े, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहने खाने के बर्तन उठाते नजर आ रहे थे. उज्जैन अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने कहा था कि ये अपमान है. जल्द ही वेटर्स की ड्रेस को बदला जाए, वरना 12 दिसंबर को निकलने वाली अगली ट्रेन का संत समाज विरोध करेगा और ट्रेन के सामने हजारों हिन्दुओं को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा.
आपको बता दें कि दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से खुलने वाली ये ट्रेन अपनी 17 दिन की यात्रा में पर्यटकों को भगवान राम से जुड़े सभी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का भ्रमण और दर्शन कराती है. यह ट्रेन 17 दिन में 7500 किलोमीटर की यात्रा करती है.