Rail Roko Abhiyan: रेल रोको का नहीं दिखा खास असर, पर यात्री हुए परेशान; कारगर रही रेलवे की रणनीति

Rail Roko Abhiyan: रेल रोको का नहीं दिखा खास असर, पर यात्री हुए परेशान; कारगर रही रेलवे की रणनीति

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा का रेल रोको कार्यक्रम विफल रहा। कुछ जगहों पर रेल पटरियों के किनारे किसान संगठनों ने प्रदर्शन किए। कई ट्रेनें विलंब से रवाना हुईं, लेकिन किसी ट्रेन को निरस्त नहीं किया गया और वे पटरियों पर दौड़ती रहीं। अलबत्ता, आंदोलन की अगुआई कर रहे बड़े नेता जरूर रेल पटरियों से हट गए और दूर-दराज के इलाकों में प्रदर्शन करते रहे। हरियाणा में रेलवे की रणनीति ने यात्रियों को बड़ी परेशानी से बचा लिया। राज्य से 60 ट्रेनों को गुजरना था। 44 जगहों पर आंदोलनकारी पटरियों पर डटे, लेकिन इंजन पर खड़े होकर फोटोशूट नहीं हो पाया।

रेलवे की प्लानिंग के मुताबिक ट्रेनों को पहले ही बड़े स्टेशनों पर रोक लिया गया। बीच में कोई भी ट्रेन खड़ी नहीं हो पाई, इस कारण इंजन पर खड़े होकर आंदोलनकारी फोटोशूट नहीं करवा पाए। शाम चार बजे के बाद जैसे-जैसे क्लीयरेंस मिलती गई, ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया। दिल्ली व आसपास के शहरों में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे की संपत्ति को तो नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन कई स्थानों पर दोपहर 12 से शाम चार बजे तक वे ट्रैक पर बैठे रहे। इस वजह से उत्तर रेलवे की 25 ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई। इनमें दिल्ली मंडल की 19 ट्रेनें शामिल हैं। कई ट्रेनें अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर घंटों खड़ी रहीं।

पंजाब में किसान संगठनों ने 50 जगहों पर ट्रेनें रोकीं

पंजाब में भी इसका असर दिखा। किसान संगठनों ने 50 जगहों पर ट्रेनें रोकीं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। गुरुवार दोपहर 12 से शाम चार बजे तक किसान ट्रैक पर बैठे रहे। फिरोजपुर रेल मंडल के डीआरएम राजेश अग्रवाल ने बताया कि किसी भी गाड़ी को रद नहीं किया गया और न किसी का रूट बदला गया। ट्रेनों को ऐसे स्थानों पर रोका गया, जिससे यात्रियों को ज्यादा परेशानी का सामना न करना पड़े।

आरपीएसएफ के लगभग 20 हजार जवान तैनात

उत्तर रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल के आइजी एसएन पांडेय ने कहा कि पांचों मंडलों में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अभी कहीं रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा नहीं दर्ज किया गया है।अतिरिक्त जवानों की थी तैनातीरेल प्रशासन ने व्यापक तैयारी की थी। रेलवे स्टेशनों व ट्रैक की सुरक्षा के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय पुलिस (जीआरपी) के साथ ही रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) के लगभग 20 हजार जवान तैनात किए गए थे।

कहीं से भी तोड़फोड़ या किसी नुकसान की सूचना नहीं

नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, आनंद विहार टर्मिनल, हजरत निजामुद्दीन, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम सहित अन्य सभी रेलवे स्टेशनों पर सुबह से ही सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। कंट्रोल रूम से वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए थे। शाम चार बजे चक्का जाम खत्म होने पर सुरक्षा जांच के बाद सभी रूटों पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू की गई। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार का दावा है कि चक्का जाम का बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है। उत्तर रेलवे में छह सौ से ज्यादा ट्रेनों का परिचालन होता है। इनमें से लगभग 25 ट्रेनें प्रभावित हुईं हैं। कहीं से भी तोड़फोड़ या किसी नुकसान की सूचना नहीं थी।