रागी जत्थों ने संगत को किया शबद कीर्तन से निहाल

अपनी जिदंगी व कर्मो में गुरबाणी पर अमल करने की आवश्यकता: सरबजीत सिंह धुंदा
समागम में वरिष्ठ समाज सेवी सुरेन्द्र चौहान व मनु चौहान को किया सरोपा भेंट
सहारनपुर। पंजाबी गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी नुमाइश कैम्प नैशनल पब्लिक स्कूल व यूनिक किडस स्कूल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित गुरुमत समागम में रागी जत्थांे ने कथा व कीर्तन से संगत को निहाल किया तथा संगत से बदले की भावना के बजाय भलाई का मार्ग अपनाने का संदेश दिया।
स्थानीय नुमाइश कैम्प शक्ति नगर पार्क में आयोजित गुरमत समागम में सर्वप्रथम रागी भाई परमजीत सिंह ने पाठ श्री रहिदास साहिब का पाठ किया, तत्पश्चात प्रभात फेरी जत्थे के भाई मंजीत सिंह भोला, देवेन्द्र सिंह बठला, सन्नी साहिब सिंह व शेर सिंह ने शबद कीर्तन के माध्यम से संगत को निहाल किया। समागम में कथावाचक भाई परमजीत सिंह ने कथा व कीर्तन सुनाया। भाई सरबजीत सिह धुंदा ने कथा के माध्यम से श्री गुरुग्रन्थ साहिब से गुरुआंे की वाणी सुनाकर इंसान को बदले की भावना को त्याग कर आपसी सौहार्द को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि अपने परिवार व समाज की भलाई की जा सकें। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारो में केवल मत्था टेकने व गुरुवाणी का रट्टा लगाने से ही भला नही होगा, बल्कि गुरुवाणी पर अपने रोजमर्रा की जिन्दगी व कर्मों में भी अमल करना पडे़गा। उन्हांेने कहा कि सिख धर्म इन्सानियत का धर्म है। हमंे गुरुवाणी को स्वयं पढ़ना चाहिए, हो सकता कि दूसरा व्यक्ति उसका गलत अर्थ बता दंे। जब हम स्वयं पढ़ेंगे, तो हमे उसका सही अर्थ पता चलेगा। उन्होंने कहा कि सिक्खों के सभी गुरुओं ने हमे प्यार करना सिखाया है। उन्हांेने वर्तमान माहौल में परिवारो मे बढ रही अहम की भावना के कारण लगातार परिवारों में हो रही टूट पर चिन्ता जताते हुए कहा कि हमें अपने अहम को त्याग कर अपने परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए, क्योकि जब हम अपने बड़ो से आदर व सम्मान से बात करंेगे। तभी तभी हमारे बच्चे भी उसी का अनुसरण कर हमे प्यार व सम्मान देने का काम करंेगे। उन्हांेने युवा पीढ़ी में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को भी गलत बताते हुए इससे दूर रहने की भी अपील की। समागम में वरिष्ठ समाजसेवी सुरेन्द्र चौहान व मनु चौहान को सरोपा भंेट किया गया। इस दौरान महापौर डॉ अजय कुमार सिह, योग चुघ, गुलशन नागपाल, पंजावी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संरक्षक रणजीत सिंह चौहान, प्रधान तेजेन्द्र सिंह चावला, सेक्रेटरी देवेन्द्र सिंह बठला, खजांची त्रिलोचन सिंह तेहरी, खैराती लाल चौहान,अनिल चौहान, हर सिमरत कौर चौहान, अंगद चौहान, स.प्रीत पाल सिंह, स.गोविन्दर सिंह स.सिमर सिंह, हेमन्त अरोड़ा, रवि जसूजा, ऋषि धींगड़ा, सूरज ठक्कर, रवनीत सिंह, अनुभव नागल, सन्नी चौहान, रोहन धींगड़ा, गौरव चौहान आदि संगत मौजूद रही।