रागी जत्थों ने संगत को किया शबद कीरतन से निहाल

रागी जत्थों ने संगत को किया शबद कीरतन से निहाल
  • सहारनपुर में पनियाली स्थित गुरूद्वारे में शबद कीरतन करते रागी जत्थे।

देवबंद। कोतवाली क्षेत्रांतर्गत गांव पनियाली स्थित गुरूद्वारा श्री हरगोविंद साहब में 108 संत अकाल पुरख सिंह की 53वीं बरसी पर चल रहे सालाना समागम के तीसरे दिन रागी जत्थों द्वारा गुरवाणी व कीरतन से संगत को निहाल किया गया।

गुरूद्वारा साहब की सेवा संभाल रहे बाबा रणजीत सिंह ने गुरूद्वारा साहब का इतिहास बताया कि छठें पाताशाह गुरू हरगोविंद साहिब 1680 में नानकमत्ता जाते हुए इस स्थान पर ठहरे थे। 1914 में गुरूद्वारा साहब का निर्माण हुआ तथा 1917 से हर वर्ष यहां सालाना समागम होता है। कीरतन दरबार में भाई मनिंदर सिंह देहरादून, भाई अरजन सिंह परवाना, भाई जतिंद्र सिंह दिल्ली, भाई सतवंत सिंह अमृतसर, भाई मंजोत सिंह ने संगत को गुरवाणी व कीरतन गायन कर निहाल किया। अरदास के उपरांत गुरू का लंगर बरता गया। वहीं दूसरी ओर निशान साहब के चोले की सेवा में भी संगत ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस दौरान रविंद्र सिंह, हरजीत सिंह, कुंवर पाल सिंह, अजब सिंह, जरनैल सिंह समेत भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।