मारा गया विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने का दावा करने वाला पाकिस्तानी मेजर, TTP के साथ मुठभेड़ में गई जान

मारा गया विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ने का दावा करने वाला पाकिस्तानी मेजर, TTP के साथ मुठभेड़ में गई जान

पाकिस्तानी सेना के मेजर रैंक के अधिकारी मोइज अब्बास को दक्षिणी वजीरिस्तान में मार दिया गया है। मोइज अब्बास वही पाकिस्तानी अधिकारी है जिसने फरवरी 2019 में भारतीय वायु सेना के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पकड़ने का दावा किया था। अभिनंदन का लड़ाकू विमान पाकिस्तान की सीमा में उस वक्त क्रैश हो गया था जब वो पाकिस्तान के फाइटर जेट की घुसपैठ का जवाब दे रहे थे। विंग कमांडर को पकड़ने के बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया था। पाकिस्तानी मीडिया ने मोइज अब्बास की मौत के बारे में जानकारी दी है।

TTP ने घात लगाकर किया हमला

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेजर मोइज अब्बास की मौत सोमवार को दक्षिणी वजीरिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ मुठभेड़ के दौरान हुई है। यहां पाकिस्तानी सेना के जवानों पर टीटीपी ने घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में पाकिस्तानी सेना के दो अन्य अधिकारी भी मारे गए हैं।

कब चर्चा में आया मोइज अब्बास का नाम

फरवरी 2019 में मोइज अब्बास का नाम तब चर्चा में आया था जब दावा किया गया था कि गया कि भारतीय पायलट अभिनंदन को पकड़ने वाले वो पहले पाकिस्तानी अधिकारी थे। मोइज अब्बास ने बाद में कई इंटरव्यू भी दिए थे। इंटरव्यू में वो बताते थे कि किन परिस्थितियों में उनका सामना अभिनंदन वर्धमान हुआ था।

TTP के बारे में जानें

दिसंबर 2007 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की स्थापना पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में हुई थी। इस संगठन का मकसद पाकिस्तान सरकार समेत सेना को टारगेट करना है और देश में शरिया लागू करना है। टीटीपी की जड़ें अफगानिस्तान के तालिबान आंदोलन से जुड़ी हुई हैं, लेकिन यह संगठन स्वतंत्र रूप से पाकिस्तान में सक्रिय रहा है। इसकी स्थापना बैतुल्लाह महसूद ने की थी, जो दक्षिण वज़ीरिस्तान के एक प्रभावशाली नेता थे।

TTP ने किए हैं बड़े कारनामे 

साल 2009 में टीटीपी ने पाकिस्तान की स्वात घाटी पर कब्जा कर लिया था, जिसे बाद में पाकिस्तान सेना ने ऑपरेशन “राह-ए-रास्त” के जरिए खाली कराया। 2014 में पेशावर के एक आर्मी पब्लिक स्कूल पर टीटीपी का हमला भयावह था, इसमें 140 से अधिक छात्रों और शिक्षकों की मौत हो गई थी। 2020 के बाद टीटीपी ने कई बिखरे हुए गुटों को फिर से एकजुट किया है। संगठन ने हमलों में तेजी आई है।


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