चंडीगढ़। चंडीगढ़ में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेता आपस में ही उलझ गए। पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने भाषण के दौरान कहा कि वह उन लोगों का नाम नहीं लेंगे, जिन्होंने लूटमार की। दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही पार्टी के नेताओं को घेर रहे थे। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी 77 सीटों से सिमटकर 18 पर रह गई है।

नवजोत सिंह सिद्धू पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह और फिर सीएम बनाए गए चरणजीत सिंह चन्नी को लगातार निशाने पर लेते रहे हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के लिए भी नवजोत सिंह सिद्धू चन्नी को जिम्मेदार ठहराते हैं। आज धरने के दौरान भी जब सिद्धू ने लूटमार की बात की तो यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रधान बरिंदर ढिल्लों आक्रामक हो गए। ढिल्लों ने कहा कि आप उनका नाम क्यों नहीं लोगे, आपको नाम लेना होगा जिसे लेकर काफी गहमागहमी हो गई और धरना खत्म हो गया।

विवाद को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि जिन नेताओं का कोई आधार नहीं है वह पार्टी का बेड़ागर्क कर रहे हैं। उन्होंने विवाद को लेकर कहा कि इन नेताओं को शर्म आनी चाहिए। कांग्रेस की इतनी बड़ी हार के बावजूद उन्हें अक्ल नहीं आई। कांग्रेस का धरना अनुशासनहीनता के कारण फेल हुआ है।

सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि कुछ नेताओं ने कांग्रेस का तमाशा बनाकर रख दिया है।

ऐसे हुआ विवाद

नवजोत सिंह सिद्धू धरने को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ईमानदार बंदे को आगे आना चाहिए। भाषण देने से कुछ नहीं होगा। कार्यकर्ता की बांह पकड़नी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सिद्धू ईमानदार आदमी के साथ खड़ा होगा बेईमान के साथ नहीं। उन्होंने कहा कि मुझे गाली निकालो, लेकिन अपना जुलूस क्यों निकाल रहे हो। उन्होंने कहा कि वो किसी का नाम नहीं लेंगे। इतने में बरिंदर ढिल्लों ने कहा कि उन्हें नाम लेना चाहिए और मामला भड़क गया।