चंडीगढ़। सोमवार से शुरू हो रहे पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय सत्र में हंगामा होना तो तय है लेकिन कमजोर विपक्ष 92 सदस्यों वाली आप सरकार के सामने बेदम नजर आ रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह भी कह दिया है कि श्री दरबार साहिब से गुरबाणी का प्रसारण निशुल्क किए जाने को लेकर गुरुद्वारा एक्ट 1925 में एक धारा को और जोड़ा जाएगा। इसका प्रस्ताव सोमवार को होने वाली कैबिनेट में पास किया जाएगा। उसके बाद इसे विधानसभा में मंगलवार को पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके यह जानकारी देते हुए कहा है कि हर घर में गुरबाणी को पहुंचाने के लिए सरकार यह बड़ा कदम उठाने जा रही है।

इससे पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी हाल ही में श्री दरबार साहिब से गुरबाणी के प्रसारण को लेकर एक टेंडर जारी करने की बात कही थी। हालांकि इसको लेकर एसजीपीसी ने सब कमेटी का गठन किया हुआ हैं। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा है कि अब टेंडर जारी करने की कोई जरूरत नहीं रहेगी । सरकार के इस फैसले को लेकर नया विवाद छिड़ सकता है

अहम पहलू यह है कि तीन विधायकों वाले शिरोमणि अकाली दल के अलावा कोई अन्य पार्टी सदन में इसका विरोध नहीं कर पाएगी क्योंकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस शुरू से ही गुरबाणी को सभी के लिए नि:शुल्क करने की मांग उठाती रही है। अभी तक केवल एक ही टीवी चैनल पर दरबार साहिब में गुरबाणी प्रसारित होती थी। वहीं, सोमवार को विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समेत दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

20 जून को आप सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ दो प्रस्ताव भी ला सकती है। केंद्र सरकार की ओर से रोके के रूरल डेवलपमेंट फंड और नेशनल हेल्थ मिशन के तहत मिलने वाले फंड को रोकने के खिलाफ सरकार निंदा प्रस्ताव लाएगी। वहीं, इसी दिन दिल्ली में अधिकारियों को तबादले व पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ भी सरकार निंदा प्रस्ताव लेकर आएगी।

92 विधायकों वाली आम आदमी पार्टी की सरकार को प्रस्ताव व बिलों को पास करवाने में कोई भी परेशानी नहीं आने वाली है। अलबत्ता विपक्ष के पास भी सरकार को परेशान करने के लिए काफी मुद्दे हैं। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और शिरोमणि अकाली दल आपरेशन लोटस की रिपोर्ट को सदन में रखने की मांग पहले ही कर चुका है। जिस पर सरकार के हाथ खाली हैं।

वहीं, जगराओं की विधायक सरबजीत कौर माणूके द्वारा एनआरआइ की कोठी पर किए गए कब्जे (हालांकि अब कब्जा छोड़ दिया है) के मामले में भी विपक्ष सरकार पर हावी होने की कोशिश कर सकता है। वहीं, कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क के अश्लील वीडियो मामले में भले ही शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली हो लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को उठा कर सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। क्योंकि कटारूचक्क पर कार्रवाई करने के लिए राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने खुद सिफारिश की थी।