Puducherry Political Crisis : पुडुचेरी में शक्ति परीक्षण से पहले दो और विधायकों का इस्तीफा, कल होगा फ्लोर टेस्ट

पुडुचेरी । पुडुचेरी में सोमवार को विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन के दो और विधायकों ने रविवार को इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के के. लक्ष्मीनारायणन और द्रमुक के वेंकटेशन के इस्तीफा दे देने से सत्तारूढ़ गठबंधन समर्थक विधायकों की संख्या घटकर 11 हो गई है जबकि विपक्ष के 14 विधायक हैं। 33 सदस्यीय विधानसभा में अब सात रिक्तियां हो गई हैं। इस तरह के नारायणसामी सरकार का संकट और बढ़ गया है।
लक्ष्मीनारायणन और वेंकटेशन ने बताया कि उन्होंने स्पीकर वीपी शिवकोलुंधु के आवास पर जाकर उन्हें अपने-अपने इस्तीफे सौंप दिए। लक्ष्मीनारायणन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नारायणसामी की सरकार बहुमत खो चुकी है। यह भी बताया कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता भी छोड़ दी है जबकि वेंकटेशन ने कहा कि उन्होंने सिर्फ विधायक पद से इस्तीफा दिया और वह द्रमुक में बने हुए हैं।
वेंकटेशन ने कहा कि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास फंड का आवंटन नहीं होने से वह अपने क्षेत्र की जनता की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे थे। मालूम हो कि हाल के दिनों में कांग्रेस के चार विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में दो पूर्व मंत्री ए. नमस्सिवम (अब भाजपा में) और एम. कृष्णाराव भी शामिल हैं, जबकि एक विधायक को अयोग्य करार दिया जा चुका है। नारायणसामी के करीबी माने जाने वाले ए. जॉन कुमार ने भी इसी सप्ताह इस्तीफा दे दिया था।
तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सौंदरराजन ने गुरुवार को पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभालने के बाद नारायणसामी को 22 फरवरी को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था। सत्तारूढ़ गठबंधन के दो विधायकों का इस्तीफा ऐसे समय पर हुआ, जब विधायकगण मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाने वाले हैं। हालांकि 18 फरवरी को भी एक ऐसी ही बैठक हुई थी, जिसमें कोई निर्णय नहीं हो सका था।
उपराज्यपाल का कहना है कि सत्ताधारी पार्टी की विधानसभा में ताकत घट गई है। बीते दिनों पुडुचेरी में विपक्ष के नेता एन. रंगासामी ने उपराज्यपाल से मिलकर विधानसभा में दलीय स्थिति से अवगत कराया। इसके बाद उपराज्यपाल ने शक्ति-परीक्षण यानी फ्लोर टेस्ट कराए जाने का निर्देश दिया। एन. रंगासामी का कहना है कि मौजूदा सरकार अल्पमत में आ गई है और इसने अपनी वैधता खो दी है।
पुडुचेरी की उपराज्यपाल ने अपने आदेश में कहा है कि 22 फरवरी को विधानसभा सत्र के लिए एकल एजेंडा यह होगा कि मुख्यमंत्री सत्यापित करें कि उनको सदन का विश्वास मत हासिल है। जारी आदेश के मुताबिक सत्र की पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
इस केंद्र शासित प्रदेश में इसी साल चुनाव भी होने हैं। बीते 18 फरवरी को पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने आरोप लगाया कि भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस के कुछ और विधायक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे सकते हैं। भाजपा का यह भी दावा है कि नारायणसामी की सरकार विधानसभा में विश्वास मत साबित नहीं कर पाएगी।