डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए जन जागरूकता अभियान जरूरी- सी0एम0ओ0
- जिला अस्पताल में फीवर हैल्प डेस्क की स्थापना होंगी
सहारनपुर [24CN]। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 संजीव मांगलिक ने सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारियों को निर्देश दिए है कि डेंगू और मलेरिया की रोकथाम, बचाव एवं नियंत्रण के लिए अपने-अपने क्षेत्रांे में जन जागरूकता अभियान जारी रखा जाए। उन्होंने आम जनता का भी आह्वान किया है कि मच्छरों के प्रजनन स्थानों को समाप्त करने कहीं भी अपने घरों के आस-पास पानी एकत्रित न होने दंे। ब्लाॅक सुनहेटी खडखडी के अन्तर्गत ग्राम टपरी कलां, में वैक्टर जनित रोग नियंत्रण के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए 381 घरो का सर्वे किया गया। इस दौरान 191 बल्ड स्लाईड बनायी गयी। कई घरों में पानी से भरे पात्र खाली कराये गये तथा नोटिस भी जारी किया गया। उन्हांेने जिला चिकित्सालय मेें फीवर हैल्प डेस्क बनाये जाने के भी निर्देश दिए।
डा0 संजीव मागंलिक ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नेशनल वैक्टर बोर्न डिजीज कन्ट्रोल प्रोग्राम के अन्र्तगत मुख्यालय और ब्लाॅक स्तरीय स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। उन्हांने निर्देश दिए कि ग्रामीणों को जानकारी दी जाएं कि डेंगू और मलेरिया से बचने के लिए क्या किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ग्राम वासियों को स्वास्थ्य शिक्षा के अन्तर्गत ‘‘क्या करें क्या न करें‘‘ के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए। उन्होंने जिला चिकित्सालय मेें फीवर हैल्प डेस्क बनाये जाने के लिए सम्बधिंत को भी निर्देश दिए। फीवर हैल्प डेस्क के माध्यम से बुखार से पीडित रोगियों को सहायता उपलब्ध कराते हुये रोगी और उनके तीमारदारों को बचाव एवं नियंत्रण तथा स्वास्थ्य विभाग में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी जायेगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ब्लाॅक एवं जनपद स्तर पर गठित आर0आर0टी0 द्वारा योजना बनाकर कालोनिया एवं ग्राम का भ्रमण करके मच्छर जनित परिस्थितियों को सामप्त करे। प्रजन्न वाले स्थानों की सूचना नगर पालिका एवं नगर निगम को नियमानुसार कार्यवाही करने के लिए दी जाए। डेंगू रोगियों का उपचार राज्य मुख्यालय द्वारा प्रतत्त कराये गये ट्रीटमेन्ट प्रोटोकाॅल के अनुसार राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों किये जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आशा, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के सहयोग से सघन अभियान चलाकर फीवर सर्वे/ट्रैकिंग निरंतर कराई जाए।
डा0 संजीव मागंलिक ने जनपद वासियों का आह्वान किया है कि अपने-अपने घर व आस-पास पानी से भरे बर्तन जैसे कूलर, गमले, छतो पर रखे पुराने टायर, फ्रिज की टेª आदि जिनमें एक सप्ताह से ज्यादा पानी रूका रहता है। उन्हे खाली कराये उन में ही लार्वा प्रजनन करता है। जिससे डेंगू, मलेरिया का मच्छर बनता है। जनपद में किसी घर व सरकारी जगह पर पानी रूका हुआ पाया जाता है तो उनका नोटिस दिये जा रहे है। जिनको नोटिस दिये जाये वही पर तीन दिन बाद दोबारा पहुॅच कर निरीक्षण किया जाये। अगर उन स्थानों पर लार्वा पाया गया तो भारतीय दण्ड सहिता की धारा 188 के तहत पाॅंच हजार रूपये तक का जुर्माना वसूल कर जिला कोशागार में जमा किया जायेगा।
मलेरिया/डेंगू के लक्षण होने पर क्या करेंः- तेज बुखार होने पर पैरासीटामोल की गोली ले सकते है। ठण्डे पानी से षरीर को पोछे। डेंगू उपचार के लिये कोई खास दवा अथवा बचाव के लिये कोई वैक्सीन नही है। औशधियों का सेवन चिकित्सकों की सलाह से करें। गंभीर मामलों के लक्षण जैसे (खून आना) होने पर चिकित्सालय में तुरन्त सम्पर्क करें। एस्प्रीन व स्टीराइड दवाईयों का सेवन कदापि नही करें। डेंगू रोगी को मच्छरदानी का प्रयोग अवष्य कराये।
ध्यान रखेंः- डेंगू रोग को फैलाने वाला मच्छर षहरी, अर्ध षहरी आबादी वाले मकानों में पाया जाता है, गन्दी नालियों में यह मच्छर नही रहता है, यह मच्छर घरों में साफ इक्ट्ठा पानी में अपने अण्डे देता है। घरों के अन्दर ये पानी कूलर, छत पर खुली टंकियाॅ, टीन के खाली डिब्बे, पुराने टायर, गमले, खाली बोतलें, सिस्र्टन, मनी प्लान्ट के गमले आदि में जहाॅ पर पानी अस्थाई रूप से एकत्रित रहता है वही पर प्रजनन कर अपनी संख्या बढाता है।