Protest in Shaheen Bagh: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- प्रदर्शनकारी इस तरह नहीं घेर सकते सड़क

Protest in Shaheen Bagh: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- प्रदर्शनकारी इस तरह नहीं घेर सकते सड़क

नई दिल्ली। Protest in Shaheen Bagh: नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई।  जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने टिप्पणी की कि 15 दिसंबर से इस सड़क पर प्रदर्शन किया जा रहा है। विरोध करना ठीक है, लेकिन सार्वजनिक सड़क पर प्रदर्शन ठीक नहीं है।

दिल्ली सरकार को नोटिस जारी

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। इसी के साथ कोई ने अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार करते हुए सुनवाई के लिए 17 फरवरी को तारीख तय की है। शाहीन बाग में सड़क पर प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि प्रदर्शन के लिए सड़क जाम नहीं कर सकते, साथ ही यह भी कहा कि सार्वजनिक स्थल पर अनिश्चितकाल के लिए प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है।

पिछली सुनवाई में जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था, ‘हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए। पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तैयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को लेकर कहा था कि वह शुक्रवार को सुनवाई करके दिल्ली विधानसभा चुनाव को प्रभावित नहीं करना चाहता। इसी के साथ जस्टिस एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा था कि हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए।

शाहीन बाग में रही लबीं लाइनें पर ओखला में नहीं बढ़ा मतदान

वहीं, ओखला विधानसभा क्षेत्र के शाहीन बाग, बाटला हाउस, अबुल फजल एंक्लेव, नूर नगर, जाकिर नगर, गफ्फार मंजिल आदि इलाकों में स्थित मतदान केंद्रों पर लगी लंबी-लंबी लाइनों के बावजूद यहां का मतदान प्रतिशत महज 58.84 प्रतिशत तक ही सिमटकर रह गया।

इस विधानसभा के इन मुस्लिम बहुल इलाकों में तो खूब मतदान हुआ, लेकिन इसी विधानसभा क्षेत्र के हंिदूू बहुल इलाकों मदनपुर खादर, सरिता विहार, जसोला, आली गांव, आली विस्तार आदि के मतदान केंद्रों पर वोटरों ने ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया। इस कारण इस विधानसभा क्षेत्र में वोट प्रतिशत बढ़ नहीं सका। सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे आंदोलन के कारण पूरे देश की नजरें शाहीन बाग पर रहीं।

 

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