पालिकाध्यक्ष व एसडीएम की तनानी मे लटका ऐतिहासिक महादेव मंदिर के विकास का प्रस्ताव
एसडीएम ने नहंी किये प्रस्ताव के वेरिफिकेशन पर हस्ताक्षर
नकुड 19 अक्टुबर इंद्रेश। एसडीएम व पालिकाध्यक्ष के बीच चल रही खींचतान के चलते नगर के ऐतिहासिक महादेव मंदिर के विकास का प्रोजेक्ट लटकता नजर आ रहा है। एसडीएम ने मंिदर के विकास के लिये बनी डीपीआर के विरिफिकेशन पर हस्ताक्षर के बिना ही फाईल नगरपालिका को लोटा दी है।
नगर विकास मंत्रालय ने वंदन योजनांतर्गत नगर के ऐतिहासिक महादेव मंदिर का चयत किया था। इसके विकास के लिये शहरी नगर विकास मंत्रालय ने करीब दो करोड रूपये स्वीकृत कर नगर पालिका से विस्तृत डीपीआर मांगी थी। पालिकाध्यक्ष शिवकुमारगुप्ता ने बताया िक नगर पालिका व लोकनिर्माण विभाग ने डीपीआर बनाकर जिलाधिकारी के पास भेज दी थी। इस डीपीआर पर एसडीएम ने भी हस्ताक्षर किये थे। जिलाधिकारी ने इस प्रस्ताव के प्रमाणिकरण के लिये इस प्रस्ताव को दुबारा नगर पालिका को भेजा । जिसे नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी , अवर अभियंता व लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभिंयता ने अपने हस्ताक्षर कर प्रमाणित कर दिया। पंरत एसडीएम ने इस डीपीआर के प्रमाणिकरण पर हस्ताक्षर नहीं किये।
एसडीएम मंदिर के विकास के लिये गठित समिति की सदस्य है। उनके हस्ताक्षर के बिना ही फाईल नगरपालिका के पास आने से मामला लटक गया है। जिससे करीब दो करोड रूपये के इस विकास कार्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। पालिकाध्यक्ष का कहना हे कि उनके व एसडीएम के बीच केएलजीएम इंटर कालेज की जमीन के सीमांकन को लेकर तनातनी रही है। समझोते के आधार पर वर्षो से विवादित रहा यह मामलो निपट गया था। मुस्लिम पक्ष भी समझोते से खुश था। उन्होंने एसडीएम से इस विवाद को खत्म करने के लिये जमीन का सीमांकन कराने के लिये दो लेखपाल भेजने का अनुरोध किया था। पंरतु एसडीएम ने लेखपाल नहीं भेजे थे। उसके बाद दोनो पक्षो ने आपसी सहमति के अधार पर सीमाकंन करके विवाद समाप्त कर दिया था।
इस मामले मे एसडीएम संगीता राघाव से फोन से जानकारी लेने का प्रयास किया गया पंरतु उन्होंने फोन नंही उठाया।