धोखाधड़ी मामले में हरियाणा की कंपनी एसआरएस ग्रुप की 2500 करोड़ की संपत्ति अटैच

धोखाधड़ी मामले में हरियाणा की कंपनी एसआरएस ग्रुप की 2500 करोड़ की संपत्ति अटैच

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा की कंपनी एसआरएस ग्रुप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी मामले में 2,500 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली है। एजेंसी ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी।

ईडी ने हरियाणा और दिल्ली पुलिस की विभिन्न शिकायतों के आधार पर एसआरएस ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया है।

ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एसआरएस समूह के प्रवर्तकों, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगी कंपनियों के भूखंड, रियल एस्टेट प्रोजेक्ट, व्यावसायिक प्रोजेक्ट, मकान, एक स्कूल, सिनेमा हौल, बैंक खातों की बचत और सावधि जमा जैसी चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया है।

कंपनी और उसके प्रमोटरों पर आरोप है कि उन्होंने लोगों को दुकान, मकान, प्लॉट में निवेश के बदले बड़ा मुनाफा देने का झांसा दिया। ग्रुप की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक, इसका विभिन्न क्षेत्रों में कई तरह के कारोबार हैं। इनमें स्वर्ण आभूषण, कमोडिटी, सिनेमा, फुटकर, हॉस्पिटैलिटी, वित्तीय सेवा, रियल एस्टेट, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा आदि शामिल हैं।

ईडी की जांच में पता चला है कि ग्रुप के प्रमोटर अनिल जिंदल और संस्थापक निदेशकों जितेंदर कुमार गर्ग और प्रवीण कुमार कपूर ने अन्य कंपनियों के साथ आपराधिक साजिश रच भारी मुनाफा देने का झूठा वादा कर लोगों को निवेश का लालच दिया। जिंदल को 2018 में फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

मुखौटा कंपनियों के जरिये निवेश की राशि का गबन
एजेंसी ने कहा कि निवेश के धन का बाद में ग्रुप की मुखौटा कंपनियों के जरिये गबन कर लिया। उनमें ग्रुप के कर्मचारियों को ही नकली निदेशक बनाया गया था। बाद में उन्होंने नकली और मनगढ़ंत बैलेंस शीट पेश कर बढ़ा हुआ टर्नओवर दिखाया और निवेशकों को अंधेरे में रखा। अपने अवैध निवेश योजनाओं को जारी रखने के लिए आरोपियों ने और लोन लिया, जिसका इस्तेमाल पुनर्भुगतान और दूसरे प्रोजेक्ट में किया गया।

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