भारत को मिले सबूत, पाकिस्तान की एजेंसी ISI का ‘आधिकारिक सहयोगी’ है आतंकी संगठन हिजबुल का चीफ सलाहुद्दीन

भारत को मिले सबूत, पाकिस्तान की एजेंसी ISI का ‘आधिकारिक सहयोगी’ है आतंकी संगठन हिजबुल का चीफ सलाहुद्दीन

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने वाली पाकिस्तान की एजेंसियों और आतंकियों के बीच साठगांठ किसी से छिपी नहीं है। हालांकि पाकिस्तान हर बार इस बात से इनकार करता रहा है। लेकिन एक बार फिर भारतीय एजेंसियों के हाथ इस बात का ‘पक्का’ सबूत लगा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक नया दस्तावेज़ (new document) हासिल किया है, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन (Hizbul Chief Syed Salahuddin) की निकटता की पुष्टि करता है। यह दस्तावेज अक्टूबर में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की मीटिंग से पहले भारत के हाथ लगा है। जिससे उम्मीद की जा रहा है कि एफएटीएफ में पाकिस्तान की स्थिति और खराब हो सकती है।

दरअसल, पाकिस्तान की खुफिया निदेशालय, इस्लामाबाद द्वारा हाल ही में जारी किए गए दस्तावेज भारतीय एजेसिंयों के हाथ लगे हैं। दस्तावेज के मुताबिक, प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैयद मुहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन ‘आधिकारिक तौर पर’ पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई के साथ काम कर रहा है।

वजाहत अली खान के नाम से जारी पत्र
निदेशक/कमांडिंग अधिकारी वजाहत अली खान के नाम से जारी पत्र में कहा गया है, “यह प्रमाणित है कि सैयद मुहम्मद यूसुफ शाह, अमीर हज़बुल मुजाहिदीन, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई, इस्लामाबाद) के साथ काम कर रहे हैं। वह इस विभाग के अधिकारी हैं। सलाहुद्दीन द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहन का विवरण साझा करते हुए निर्देश है कि “उन्हें सुरक्षा-वार मंजूरी दे दी गई है और अनावश्यक रूप से रोका नहीं जाना चाहिए।”सलाहुद्दीन के लिए जारी किया पत्र 31 दिसंबर, 2020 तक मान्य है।

हिजबुल का प्रमुख होने के अलावा कई आतंकी संगठनों का चीफ है सलाउद्दीन
बता दें, सलाहुद्दीन, हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख होने के अलावा, वह कई आतंकवादी संगठनों के पैत्रक संगठन संयुक्त जिहाद परिषद (UJC) जैसे सगंठन का भी प्रमुख है, जिसके अंतर्गत लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे प्रमुख आतंकी संगठन आते हैं।

FATF में पाक को ‘ब्लैकलिस्ट’ करने में मदद मिलने की उम्मीद
भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार प्रतिबंधित आतंकी संगठन के ‘आईएसआई के साथ संबंधों’ के स्पष्ट प्रमाणों को लेकर भारतीय एजेंसियां बहुत उत्साहित हैं। भारतीय एजेंसियां ऐसा महसूस कर रही हैं कि इस दस्तावेज से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में पाकिस्तान को ‘ब्लैकलिस्ट’ करने में मजबूती मिलेगी।

अक्टूबर में होनी है FATF की समीक्षा बैठक
अक्टूबर में इस बात की समीक्षा की जानी है कि पाकिस्तान, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स एक्शन प्लान को लागू करने में कितना सफल रहा है। इससे पहले ही इस्लामाबाद के विशेष रूप से आतंकवाद के वित्तपोषण देने, लगातार आतंक का समर्थन करने और आतंकवाद को दिए जाने वाले सक्रिय समर्थन के बढ़ने के प्रमाण मिले हैं।