मुठभेड़ मामलों में आरोपी रहे पूर्व आईपीएस वंजारा को सेवानिवृत्ति के छह साल बाद प्रमोशन
गुजरात सरकार ने पूर्व आईपीएस अफसर डीजी वंजारा को रिटायरमेंट के छह साल बाद प्रमोशन दिया है। राज्य सरकार ने बैक डेट से वंजारा को पुलिस निरीक्षक (आईजी) पद पर प्रमोशन दिया है। वह 2014 में रिटायर हुए थे। नए आदेश के बाद उन्हें 2007 से आईजी पद पर नियुक्त हुआ माना जाएगा। वह इशरत जहां और सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ों में आरोपी थे। बाद में उन्हें सीबीआई कोर्ट ने आरोपमुक्त कर दिया था।
वंजारा को इस प्रमोशन के साथ तनख्वाह और पेंशन में भी फायदा मिलेगा। मंगलवार को गुजरात के गृह विभाग ने वंजारा के प्रमोशन की अधिसूचना जारी की। वंजारा ने इसकी एक प्रति ट्विटर पर साझा करते हुए प्रमोशन की जानकारी दी। राज्य गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव निखिल भट ने वंजारा के प्रमोशन की बुधवार को पुष्टि की। वंजारा की नियुक्ति 29 सितंबर, 2007 से प्रभावी माना जाएगा। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी वंजारा 31 मई, 2014 को डीआईजी के पद से रिटायर हुए थे।
सोहराबुद्दीन मुठभेड़ में मामले में संदिग्ध भूमिका के लिए वंजारा को गिरफ्तार किया गया था। 2007 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। सोहराबुद्दीन के अलावा वह इशरत जहां मुठभेड़ में भी आरोपी थे। 2004 में अहमदाबाद पुलिस ने इशरत उसके तीन साथियों को कथित मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने दावा किया था कि ये चारों आतंकी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के इरादे से गुजरात आए थे। अगस्त 2017 में विशेष सीबीआई अदालत ने वंजारा को सोहराबुद्दीन मामले में बरी किया था। पिछले साल मई में वंजारा को इशरत मामले में भी आरोपमुक्त कर दिया गया था।