शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में “हिन्दी दिवस” के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन

गंगोह [24CN] : शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में दिनाँक 15-09-2025 दिन सोमवार को स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट एंड लैंग्वेजेस विभाग द्वारा “हिंदी दिवस” के उपलक्ष में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में काव्य पाठ, श्लोक प्रस्तुति, गायन आदि का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर व डीन एंड हेड प्रो.(डॉ.) गुंजन अग्रवाल व अन्य शिक्षकगण ने मॉ सरस्वती व बाबू विजेंद्र कुमार जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व सरस्वती वन्दना कर किया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट एंड लैंग्वेजेस विभाग की डीन एंड हेड प्रो.(डॉ.) गुंजन अग्रवाल ने शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह, कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह, संस्था के केयर टेकर सूफी जहीर अख्तर व उपस्थित सभी गणमान्यों का स्वागत कर की, तत्पश्चात डीन एंड हेड प्रो.(डॉ.) गुंजन अग्रवाल ने सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए, विद्यार्थियों को हिंदी साहित्य और हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और समर्पण विकसित करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत और पहचान का अभिन्न अंग है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे नियमित रूप से हिंदी साहित्य का अध्ययन करें, महान लेखकों की रचनाएँ पढ़ें और अपने विचारों को हिंदी में अभिव्यक्त करने का अभ्यास करें। कार्यक्रम में प्रो.(डॉ.) प्रशांत कुमार व राजीव उपाध्याय यायावर, डॉ. करुणा अग्रवाल, अर्जुन सिंह, रेनू चौधरी ने हिंदी भाषा के सन्दर्भ में अपने विचार रखते हुए कहा कि आज हिंदी साहित्य में अपार संभावनाएं हैं — कहानी, कविता, नाटक, निबंध, पत्रकारिता, और डिजिटल लेखन जैसे क्षेत्रों में युवा पीढ़ी की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में अंताक्षरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमे विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र एवं छात्राओं ने प्रतिभाग किया, जिनमे मरयम, युवराज, तेजप्रताप अर्पित, कार्तिक, प्राची नम्रा, दीपक, हासिम, रीतू देवी आदि छात्र एवं छात्राएं शामिल रही।
इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह एवं कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों को अनेक शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह ने कहा कि हिंदी को केवल एक विषय के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवंत भाषा के रूप में देखा जाना चाहिए, जो विचारों की अभिव्यक्ति, रचनात्मकता और सामाजिक संवाद का सशक्त माध्यम है।
कार्यक्रम में प्रो.(डॉ.) तरुण कुमार शर्मा, विकास कुमार, जूही अग्रवाल आदि शिक्षकगण उपस्थित रहे।
