किसान पंचायत के बहाने प्रियंका गांधी ने की किसानों को साधने की कोशिश
सहारनपुर [24CN] । कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसान पंचायत के दौरान एक ओर जहां केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधते हुए उन्हें किसान विरोधी साबित करने का भरसक प्रयास किया। वहीं उन्होंने कृषि कानूनों की खामियां गिनाकर किसानों को भी साधने की कोशिश की। इसी कड़ी में उन्होंने सिद्धपीठ मां शाकम्भरी देवी मंदिर में पूजा-अचज़्ना कर हिंदुओं को रिझाने का प्रयास किया, वहीं खानकाह रहीमिया में आकर मुस्लिम मतदाताओं में भी संदेश देने का प्रयास किया।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा पिछले 32 सालों से सत्ता से बाहर कांग्रेस में नई जान फूंकने के तहत की जा रही कवायद की कड़ी में सहारनपुर का एकदिवसीय दौरे का कायज़्क्रम निधाज़्रित किया किया गया था जिसके चलते श्रीमती गांधी ने सहारनपुर पहुंचकर सवज़्प्रथम सिद्धपीठ मां शाकम्भरी देवी मंदिर में पूजा-अचज़्ना कर हिंदू समाज में एक नया संदेश देने का काम किया क्योंकि अभी तक कांगे्रस पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि मंदिर में पूजा-अचज़्ना करने के तुरंत श्रीमती प्रियंका गांधी रायपुर स्थित विश्व प्रसिद्ध खानकाह रहीमिया में पहुंची। वहां भी मुल्क की तरक्की के लिए दुआ कराई जिसे राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा हिंदू व मुस्लिमों को बैलेंस करने की कवायद मानी जा रही है। इसी कड़ी में चिलकाना में आयोजित किसान महापंचायत में प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानूनों को राक्षस की संख्या देते हुए किसानों को पहले तो इन कानूनों की खामियां बताकर डराने की कोशिश की। साथ ही यह कहकर कि यदि कांग्रेस की सरकार बनी तो इन तीनों कानूनों को रद्द किया जाएगा। साथ ही एमएसपी का प्रावधान कर नए कानून बनाए जाएंगे, कहकर किसानों को साधने का प्रयास किया। इसी कड़ी में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 16 हजार करोड़ में दो हवाई जहाज खरीदने व संसद के सौंदयज़्करण के लिए 20 हजार करोड़ खचज़् करने की बात बताई।
यह कहकर किसानों के बकाया भुगतान के लिए 15 हजार करोड़ नहीं दिए गए। किसानों के बीच प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा की केंद्र सरकार को पूरी तरह खलनायक साबित करने की कोशिश की। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार पर तमाम तरह के आरोप भी लगाए। राजनीतिक हलकों में प्रियंका गांधी की इस कवायद को किसानों के साथ-साथ कांग्रेस से विमुख हुए मतदाताओं को कांग्रेस से जोडऩे की सोची समझी रणनीति माना जा रहा है। अब देखना है कि प्रियंका गांधी अपने मकसद में कितना कामयाब हो पाएंगी।