विभिन्न मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर गरजे निजी स्कूल संचालक

- सहारनपुर में जिला मुख्यालय पर नारेबाजी करते निजी स्कूल संचालक।
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के बैनर तले निजी स्कूल संचालकों ने अपनी विभिन्न मांगों के निराकरण की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर नारेबाजी कर धरना दिया तथा मुख्यमंत्री को सम्बोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र नगर मैजिस्ट्रेट को सौंपकर समस्याओं का समाधान कराने की मांग की।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ से जुड़े निजी स्कूल संचालक हकीकत नगर स्थित धरना स्थल पर एकत्र हुए तथा मांगों के समर्थन में नारेबाजी कर धरने पर बैठ गए। धरने को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार विगत 24 माह से निजी स्कूल संचालकों को कोई फीस प्रतिपूर्ति नहीं दे रही है। इसलिए हम 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को नि:शुल्क नहीं पढ़ाएंगे। उन्होंने सरकार से मांग की कि पंजाब की तर्ज पर सांसदों व विधायकों की पेंशन रोककर निजी स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति दिलाई जाए। वक्ताओं ने आरटीई के अंतर्गत पढ़ाए गए गरीब बच्चों की वर्ष 2016-17 से 19-20 तक तथा 20-21 से लेकर 21-22 तक फीस प्रतिपूर्ति के 500 करोड़ रूपए का भुगतान कराया जाए।
वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में करीब 800 संस्कृत विद्यालय बंद होने के कगार पर हैं। मदरसा आधुनिकीकरण की तर्ज पर उन्हें निजी संस्थाओं द्वारा संचालित कराकर अनुदान व मानदेय दिया जाए। वक्ताओं ने कहा कि स्थाई मान्यता तीन वर्ष के लिए दी जाती है जो खत्म होनी चाहिए। क्योंकि मान्यता के नवीनीकरण में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। निजी विद्यालयों को आरटीआई एक्ट से मुक्त रखा जाए। सरकारी विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश के लिए स्थानांतरण प्रमाण पत्र अनिवार्य किया जाए तथा कक्षा 9 व 11 की भांति कक्षा 1 व कक्षा 6 में भी पंजीकरण अनिवार्य किया जाए।
धरना व प्रदर्शन में डा. अशोक मलिक, अमजद अली एडवोकेट, के. पी. सिंह, गयूर आलम, अमजद अली, वीरेंद्र पंवार, दिनेश रूपड़ी, प्रवीण गुप्ता, शबाना सिद्दीकी, खदीजा तौकीर, मुजाहिद हसन, मनोज मलिक, हंस कुमार, अशोक सैनी, नरेश वर्मा, ब्रह्मपाल सिंह, मनीष कुमार, ममता, शशिकांत शर्मा, प्रिया, हिमांशु कौशिक, तौसिका, पूजा, साक्षी आदि मौजूद रहे।